![](https://i0.wp.com/mediamugal.com/wp-content/uploads/2020/02/images.jpeg?fit=320%2C250&ssl=1)
इसका परिणाम बुधवार को घोषित किया गया। अम्मा को बचपन से ही पढ़ाई की ललक रही, लेकिन उनकी यह इच्छा अधूरी ही रही, क्योंकि मां की मौत के बाद छोटे भाई-बहनों की परवरिश की जिम्मेदारी उन पर आ गई थी। अम्मा ने नौ वर्ष की उम्र में तीसरी कक्षा में औपचारिक शिक्षा छोड़ दी थी। शादी के कुछ साल बाद पति का निधन हो गया। तीस वर्ष की उम्र में ही वह छह बच्चों की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई।
अम्मा के 12 पोते-पोतियां और परपोते-परपोतियां हैं। गणित में पूर्णांक के साथ उन्होंने कुल 275 अंकों में से 205 अंक हासिल किए हैं। साक्षरता अभियान द्वारा जारी बयान में कहा गया कि कुल 11593 विद्यार्थियों ने चौथी कक्षा के समतुल्य परीक्षा में भाग लिया, जिसमें से 10012 सफल रहे। इनमें 9456 महिलाएं हैं।
साक्षरता मिशन के इतिहास में सबसे बुजुर्ग महिला बनी थीं
साक्षरता मिशन के निदेशक पीएस श्रीकला ने बताया कि भागीरथी अम्मा केरल साक्षरता मिशन के इतिहास में सबसे बुजुर्ग समकक्ष शिक्षा हासिल करने वाली महिला बनी थीं। मिशन के विशेषज्ञ वसंत कुमार ने बताया कि भागीरथी अम्मा को लिखने में दिक्कत होती थी। इसलिए उन्होंने पर्यावरण, गणित और मलयालम के तीन प्रश्नपत्रों का हल तीन दिन में लिखा। इसमें उनकी छोटी बेटी ने मदद की।
इतनी उम्र में भी याद्दाश्त काफी तेज
वसंत कुमार ने बताया कि इस उम्र में भी उनकी याद्दाश्त तेज है। न ही उन्हें देखने में कोई समस्या आती है। अब भी बहुत अच्छे से गा लेती हैं। अम्मा परीक्षा में हिस्सा लेकर बहुत खुश हैं। कुमार ने बताया कि इतनी मेहनत और लगन से पढ़ाई करने वाली अम्मा के पास आधार कार्ड नहीं है। इसलिए उन्हें न तो विधवा पेंशन मिलती है और न ही वृद्धा पेंशन। उन्हें उम्मीद है कि अधिकारी उनको पेंशन दिलाने के लिए कदम उठाएंगे।
पिछले साल कार्तिय्यानी अम्मा को मिले थे 100 में 98
पिछले साल 96 साल की कार्तिय्यानी अम्मा ने राज्य में आयोजित साक्षरता परीक्षा में सबसे ज्यादा अंक हासिल किए थे। उन्होंने 100 अंक में से 98 अंक मिले थे। राज्य के इस साक्षरता मिशन का लक्ष्य अगले चार वर्षों में राज्य को पूरी तरह से साक्षर बनाना है। 2011 के आंकड़े के अनुसार राज्य में 18.5 लाख लोग निरक्षर हैं।