फरिश्ता बनी पुलिस! ढूंढ निकाला 16 साल पहले लापता हुए बेटे को

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भर आई पुलिस की भी आंखें जब देखा मां-बेटे का प्यार 
    सुकमा।। कहते हैं भगवान खुद धरती पे नही आते अपने नेक बंदों को रखते हैं रक्षा के लिए,वही फ़रिश्ते पुलिस वाला होता है यह बात साबित होती है 16 साल पहले अपनी माँ से बिछड़े कार्तिक को मिलाया!सुकमा मे एक माह पहले समाज सेवी फ़ारूख अली को रात 10 बजे क़रीब एक युवक ठंड मे ठिठुरता हुआ मिला, मानसिक विक्षिप्त भी लग रहा था,समाज सेवी फ़ारूख अली ने उसे बात कि उसका नाम पूछा,उसे ओढ़ने के लिए कंबल ख़रीदकर दिया,खाना खिलाया फिर समाजिक धर्म निभाते हुए पुलिस को खबर कि,सब इंस्पेक्टर निसार नियाज़ी अपने बल के साथ मौक़े पर पहुँचे फिर उस युवक को अपने साथ लेकर थाना गए,जहाँ उसे रहने सोने कि व्यवस्था किए! 
फिर शुरू हुआ पुलिस का अभियान
   धीरे धीरे उससे पुछ पुछ कर, सबइंस्पेक्टर निसार नियाज़ी, सब इंस्पेक्टर महेश प्रधान ने लगातार एक महीना मशक़्क़त के बाद उसके घर का पता लगाया। इसके बाद पुलिस ने कार्तिक की मां को मामले की जानकारी दी। कार्तिंक के मिलने की खबर सुनकर उसकी मां सुमित्रा देवी, चचेरा भाई कमल शिकारी सुकमा थाने पहुंचे, जहां अपने बेटे को देखकर मां के आंखें से आंशु की धारा बहने लगी। 
भावुक क्षण रोया हर कोई
   जब बेटे कार्तिक से मां मिली 16 साल बाद रोकर बेटे को लिपट गई,दिवानों कि तरह अपने लाल को चूमती रही,वहाँ खड़े पुलिस, पत्रकार सब रोने लगे उस क्षण को देखकर।पुलिस के इस नेक कार्य को सलाम,सुकमा एसपी शलभ सिन्हा के निर्देशन मे अब तक सुकमा पुलिस ने 6 बिछड़े गुम लोगों को उनके परिवार से मिलाया। 

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