
उन्होंने जनाजे को कंधा दिया और कब्र के पास तक ले गए। नोडल अधिकारी राकेश ने कहा समाज में मदद के दौरान खतरा कई बार भुला देना पड़ता है, मेरी इस अंतिम संस्कार को कराने की जिम्मेदारी है, इसी जिम्मेदारी को समझते हुए मेने अपना कंधा जनाजे को दिया।
सेक्टर 8 निवासी शमसुद्दीन की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी। मौत के बाद उनके तीनों बेटे सेक्टर 38 ए स्थित कब्रिस्तान में पहुंचे। जनाजे की नमाज के बाद दफीना के लिए जब जनाजे को उठाने की बारी आई तो उनके तीनों बेटों ने पीपीई किट पहन जनाजे को उठाया, लेकिन इनको जनाजे को उठाने में दिक्कत आ रही थी और बाकी लोग आगे आने के लिए तैयार नहीं थे। breaking headline newshindi samachar khabarindia latest top newsonline hindi newstoday time news
ऐसे में नोडल अधिकारी राकेश ठाकुर खुद आगे आये और उन्होंने जनाजे को कंधा दिया और तीनों बेटे के साथ वह जनाजे को कब्र तक लेकर पहुंचे और दफीना की प्रक्रिया को पूरा कराया। वह भी पीपीई किट पहने हुए थे और अंतिम संस्कार के लिए साथ आये थे। उन्होंने कहा कि हमारी भी कोई जिम्मेदारी है और समाज में मदद के दौरान कई बार खतरों को भूलना होता है। breaking headline newshindi samachar khabarindia latest top newsonline hindi newstoday time news