कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए देशव्यापी लॉकडाउन में पिछले हफ्ते कुछ शहरों में ढील दी गई. इसके बाद इन शहरों में शराब की दुकानों के आगे लंबी कतारें लग गईं. मुंबई जैसे कोविड-19 के हॉटस्पॉट शहरों में शराब के शौकीन लोगों ने फ़िज़िकल डिस्टेंसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ा दीं. इसके चलते सरकार को एक बार फिर इन दुकानों को बंद करना पड़ा. breaking headline newshindi samachar khabarindia latest top newsonline hindi newstoday time news
शराब खरीदने को लेकर मची अफ़रा-तफ़री के बीच कई जगहों पर पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ गया. बेंगलुरु में एक ख़रीदार के 52 हज़ार रुपये के शराब के बिल की चर्चा सोशल मीडिया पर ज़ोरशोर से हुई.
पूरी दुनिया में बढ़ गई शराब की बिक्री
शराब की दुकानों पर इस तरह का हड़कंप मचना कोई अचरज की बात नहीं थी. सख्त लॉकडाउन के चलते शराब के लिए लोगों की बेसब्री अपने चरम पर पहुंच गई थी. पूरी दुनिया में ही शराब की बिक्री में उछाल की खबरें आ रही हैं. ब्रिटेन में पिछले साल के मुक़ाबले मार्च में शराब की बिक्री 22 फ़ीसदी बढ़ गई, जबकि अमरीका में यह इज़ाफ़ा 55 फ़ीसदी था.breaking headline newshindi samachar khabarindia latest top newsonline hindi newstoday time news
भारत में शराब की बिक्री कभी भी एक आसान काम नहीं रहा है. ई-कॉमर्स और होम डिलीवरी की इजाज़त नहीं है. कई राज्य सरकारों ने शराब की बिक्री पर रोक लगा रखी है क्योंकि शराब पीने पर पाबंदी से वोट मिलने की उम्मीद रहती है.
भारत के 29 राज्यों में से हरेक की अपनी-अपनी शराब नीतियां हैं. राज्य इसके उत्पादन, कीमत, बिक्री और टैक्स तय कर सकते हैं.
शराब का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है भारत
शराब पर इतने कंट्रोल के बावजूद भारत दुनिया में शराब का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है. इस मामले में चीन सबसे आगे है. लंदन स्थित रिसर्च फ़र्म आईडब्ल्यूएसआर ड्रिंक्स मार्केट एनालिसिस के अध्ययन से इस बात का पता चला है.
भारत में 66.3 करोड़ लीटर अल्कोहल पिया जाता है. 2017 के मुक़ाबले यह मात्रा 11 फ़ीसदी ज्यादा है. इसके अलावा देश में प्रति व्यक्ति शराब की खपत में भी इज़ाफ़ा हो रहा है.
भारत दुनिया में सबसे ज्यादा व्हिस्की पीने वाला देश है. भारतीय लोग अमरीकियों के मुक़ाबले हर साल तीन गुना ज्यादा व्हिस्की गटक जाते हैं. अमरीका व्हिस्की का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है.
दुनियाभर में खरीदी जाने वाली व्हिस्की की हर दो बोतलों में से एक अब भारत में बिकती है. 2018 में जब पूरी दुनिया में शराब की खपत में गिरावट आई थी, उस वक्त भारत ने ग्लोबल व्हिस्की मार्केट में सात फीसदी उछाल में बड़ा योगदान दिया था.breaking headline newshindi samachar khabarindia latest top newsonline hindi newstoday time news
देश की 45 फीसदी शराब की बिक्री चार राज्यों में
भारत में बिकने वाली 45 फीसदी से ज्यादा शराब आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल जैसे चार दक्षिणी राज्यों में बिकती है. रेटिंग फर्म क्रिसिल के मुताबिक़, इस बात में कोई अचरज नहीं होनी चाहिए कि इन राज्यों की कमाई का 10 फीसदी से ज़्यादा हिस्सा शराब की बिक्री से आता है.
शराब की खपत वाले छह और टॉप राज्य- पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र भी पांच से 10 फीसदी कमाई शराब पर टैक्स के ज़रिए हासिल करते हैं. रिसर्च एजेंसी के मुताबिक, ‘अप्रैल में एक बूंद शराब नहीं बिकी और राजस्व की जरूरतों को देखते हुए राज्य शराब की दुकानें खोलने के लिए बेकरार थे.’
लॉकडाउन के चलते राज्यों की कमाई बंद हो गई और शराब से मिलने वाले टैक्स के रुक जाने से राज्यों को पैसे की भारी किल्लत से जूझना पड़ गया लेकिन, भारत में अल्कोहल की बढ़ती खपत के पीछे एक कड़वी सच्चाई दबी हुई है.breaking headline newshindi samachar khabarindia latest top newsonline hindi newstoday time news