लॉकडाउन में भी रोजाना रात को गाय से मिलने आता है तेंदुआ, निभा रहा है दुध का कर्ज़
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लॉकडाउन में भी रोजाना रात को गाय से मिलने आता है तेंदुआ, निभा रहा है दुध का कर्ज़

    बड़ोदरा।। बड़ोदरा के एक गांव में लॉकडाउन लगने के बाद से ही हर रोज रात में ये तेंदुआ इस गाय से मिलने आता है और घंटों ऐसे ही बैठा रहता है मानो वो किसी अपने से मिल रहा हो, रोज-रोज कुछ देर के लिए गांव के कुत्तों का डरकर भौंकने और रात भर के लिए गांव के बाहर भाग जाने से गांव वालों ने सीसीटीवी कैमरा लगवाया तो ये नजारा दिखा।
     दरअसल तेंदुआ गांव के किसी जानवर को नुक्सान नहीं पहुंचाता है और दो-तीन घंटे गाय के पास बैठने के बाद चला जाता है, इसलिए गांव वालों ने इस बात का पता लगाना शुरू कर दिया कि गाय और तेंदुए की इस अजीब प्रेम के पीछे क्या रहस्य है।
    उसने बताया कि 2010 में जब ये तेंदुआ छोटा था और इस गाय ने पहले बछिया को जन्म दिया था। तब इस तेंदुए की मां को शिकारियों ने मार दिया था। तब ये तेंदुआ सिर्फ अपनी माँ का दूध ही पीता था। इसे मिलाकर कुल तीन नन्हे तेंदुए और थे, लेकिन माँ के मारे जाने से दूध के अभाव से इसके साथ के दो नन्हे तेंदुए मर गए थे। 
     वन विभाग वाले उस नन्हे तेंदुए को उसी गाय के पास लाते थे जहां वो उनके सामने ही दुध निकालकर तेंदुए के नन्हे बच्चे को पिलाते था और फिर उस समय उस नन्हे अनाथ तेंदूए के बच्चे को गाय खूब दुलारती थी। फिर जब तेंदुआ बड़ा हो गया तो इसने दूध पीना बंद कर दिया फिर कुछ ही दिनों में वन विभाग वालों ने इसे जंगल की और छोड़ दिया था और ये गाय भी जिसकी थी उसने बेच दी थी। 
    अभी भी तेदुए को लगता है कि यह गाय उसकी मां है और ये बहुत दिनों से इसको खोज रहा था, अब जाकर ये उसको मिली है उस तेंदुए को उस गाय में अपनी माँ दिखती है इसीलिए ये उससे मिलने चला आता है और अभी तक ये तेंदुआ किसी गाय बछिया या बछड़े को देखता है तो चुपचाप अपना रास्ता बदल लेता है और कभी हमला नही करता, जानवर हिंसक जरूर है, लेकिन उसे दूध का कर्ज़ और अपना फर्ज दोनो याद हैं। 

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