बंगलुरू में एक दलित विधायक को हज़ारों मुसलमानों ने घेर लिया ! उसके घर को आग के हवाले कर दिया गया ! एक फेसबुक पोस्ट के बाद अल्ला हु अकबर के जिहादी नारों के साथ बंगलुरू को जलाते जिहादी ! जहां जायेंगे आग लगायेंगे, ये कोई इनका मकान थोड़ी है !!
तुम चाहें कांग्रेसी हो, बसपाई हो, सपाई हो, आपिये हो, या भाजपाई हो। तुम चाहें ठाकुर हो, कुर्मी हो, ब्राह्मण हो, वाल्मीक हो, वैश्य हो, सवर्ण हो या दलित हो, तुम चाहें अमीर हो, मध्यमवर्गीय हो या गरीब हो, उनकी नज़र में तुम सिर्फ काफिर हो।
पैगंबर के खिलाफ एक टिप्पणी से मुसलमानों द्वारा दलित विधायक का घर फूंक दिया गया, थाने जला दिए गए गाड़ियां आग के हवाले कर दी गयी लेकिन मजाल है किसी ने अवार्ड वापस किया हो या मोमबत्ती मार्च निकाला हो अथवा किसी ने भारत छोड़ने की धमकी दी हो खास बात यह है कि फिलहाल दलित ठेकेदार और जय भीम वाले भी गायब हैं।
दिल्ली प्रयोग था.. बंगलुरु ..?
मोहम्मद हो या कोई और अगर आपको लगता है उनके ऊपर गलत पोस्ट हुई है तो पुलिस में जाइये, शिकायत कीजिये, कानून अपना काम करेगा, सड़कों पर आतंकवाद फैलाने की इजाज़त नही दी जा सकती, इस आतंकवादपन को आपको छोड़ना ही होगा, समय आ गया है इस पर वृहद चर्चा हो, खुल कर हो, सच सुनने की आदत डालिये।
देश यह सब देख रहा है। साम्प्रदायिक आधार पर दंगाई हत्यारों के खुले समर्थन संरक्षण के इस राजनीतिक दोगलेपन को याद रखा जाएगा। बंगलुरू में दंगाई मुसलमानों की भीड़ ने दो पुलिस थानों के गेट पर ताला जड़ कर उन थानों को आग लगा दी। बिल्कुल गोधरा कांड की तरह जिंदा जला देने का षड्यंत्र था। दंगाइयों ने सैकड़ों गाड़ियों को जला कर राख कर दिया।
अखंड श्रीनिवासमूर्ति नाम के जिस विधायक की हत्या करने के लिए उसके घर पर हमला कर के उसके घर को पूरी तरह तहस नहस किया गया है वो दलित है और कांग्रेस विधायक है। दंगाइयों से अपनी जान बचाकर वो जैसे तैसे वहां से भागने में सफल हुआ है।
लेकिन आप यह जान कर आश्चर्यचकित हो जाएंगे कि अपनी ही पार्टी के दलित विधायक के घर पर मुसलमान दंगाइयों के खिलाफ़ कांग्रेस चुप्पी साधे है, क्योंकि यही दंगाई उनके खानदानी वोटर जो ठहरे। राहुल गांधी, तो केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री को कोसने व गरियाने में जुटा है लेकिन अपनी ही पार्टी के एक दलित विधायक के घर पर मुसलमान दंगाइयों के जानलेवा, राक्षसी हमले और उन मुसलमान दंगाईयों के खिलाफ़ उसने अभी तक एक ट्वीट भी नहीं किया है, एक शब्द नहीं बोला है।
वही प्रियंका वाड्रा भी ट्वीटर पर कोसने में जुटी हुई है लेकिन उन्होंने भी दंगाईयों के खिलाफ़ अभी तक एक ट्वीट नहीं किया है, ना ही एक शब्द ही कहा है। यहां तक कि पूरी कांग्रेस पार्टी तक ने इस घटना पर चुप्पी साध ली है। हद है कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस ने घटना को चिंताजनक बता कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर के चुप्पी साध ली है।
आपको याद होगा राहुल गांधी हैदराबाद में रोहित वेमुला की हत्या के गम में मातम करने के लिए हाय दलित.. हाय दलित चिल्लाते हुए... देश की सरकार और प्रधानमंत्री को गरियाते कोसते हुए हैदराबाद पहुंच गया था। यक़ीनन देश यह सब देख रहा है...साम्प्रदायिक आधार पर दंगाई हत्यारों के खुले समर्थन, संरक्षण के इस राजनीतिक दोगलेपन को ...!