भगवान शिव को खुश करने के लिए महिला ने जीवित समाधी ले ली

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    भगवान को खुश करने के लिए लोग कैसे-कैसे जतन करते है आप इसका अंदाज़ा ही नहीं लगा सकते है। आपने अमूमन भक्तो को पूजा पाठ करते देखा होगा, लेकिन दुनिया में कुछ लोग ऐसे भी है जो अपनी अंधभक्ति में इस कदर डूब चुके है की उन्हें अपनी जान की भी परवाह नहीं है। जी हां यूपी के जिला कानपुर के थाना सजेती गांव मढ़ा गांव में बुधवार को 52 वर्षीय एक महिला द्वारा भगवान शिव को खुश करने का अजीबों गरीब मामला सामने आया है। महिला ने अपने घर के बाहर लाल साड़ी और हाथ में त्रिशूल लेकर समाधि ले ली। इसकी खबर से प्रशासन को लगी तो हड़कंप मच गया। एसडीएम, सीओ सहित पुलिस मौके पर पहुंच गया। करीब पांच घंटे से समाधि में लेटी महिला को बाहर निकाला और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने महिला सेहत सामान्य बताई है। 
     जानकारी के अनुसार, गांव मढा के रहने वाले रामसजीवन की 52 वर्षीय पत्नी गयावती उर्फ गोमती पिछले पांच वर्ष से घर के पास स्थित एक शिवमंदिर में पूजा-पाठ करती है। धीरे-धीरे इलाके में प्रचारित हो गया कि गोमती को भगवान शिव के दर्शन होते हैं। महिला भी खुद को शिव का अवतार मानने लगी। उसके दर्शन करने वालों का तांता लगने लगा। शिव मंदिर पर आने वाली भीड़ भी अंधविश्वास के जाल में फंसती जा रही थी।
    परिजनों के मुताबिक, गोमती ने मंगलवार को ऐलान कर दिया कि वह 48 घंटे के लिए वह समाधि लेगी। परिवार के सदस्य भी उसकी बातों में आ गए। सभी ने घर के बाहर टेंट लगाकर एक चबूतरे पर करीब 5 फुट चौड़ा व 4 फुट गहरा गड्ढा खोद दिया। बुधवार को रिश्तेदार भी घर पहुंच गए। भक्तों और गांव के सैकड़ों की संख्या में लोगो की भीड़ जमा हो गई। समाधि से पहले गोमती पूजा करने बैठ गई। सुबह करीब 10 बजे लाल साड़ी पहन और सिर पर मुकुट लगाया। साथ ही हाथ में त्रिशूल लेकर वह गड्ढ़े में बैठ गई। तभी गांव के किसी व्यक्ति ने समाधि लेने की खबर एसडीएम को दी। इससे प्रशासन व पुलिस ने खलबली मच गई।
    इधर, एसडीएम अरुण श्रीवास्तव, सीओ गिरीश कुमार सिंह, सजेती थाने का पुलिस फोर्स लेकर मौके पर पहुंच गए। अधिकारियों ने लोगों को फटकार लगाई और गड्ढे से महिला को बाहर निकलवाने लगे। तभी, कुछ लोगों ने विरोध शुरू किया तो पुलिस ने सख्ती दिखाई और लोगो को शांत किया। समाधि से निकाली गई महिला को पुलिस ने इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया।
पांच साल से शिवरात्रि से पहले समाधि लेती आ रही है महिला
    मढ़ा गांव की गोमती के समाधि लेने की घटना बुधवार को पहली बार सार्वजनिक हो पाई। गांव वालों के अनुसार, पिछले पांच वर्ष से वह 24 घंटे की समाधि लेती आ रही है। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि हर महाशिवरात्रि पर गोमती 24 घंटे की समाधि लेती थी। उसके घर में विधि विधान से पूजा पाठ होता था। गांव वालों का कहना है कि पिछले वर्ष महिला ने 2 महीने तक अन्न, जल का त्याग कर पूजा पाठ किया था।
नाराज गोमती बोली-ईश्वर माफ नहीं करेगा, सबको मिलेगी सजा
    प्रशासन की जबरदस्ती से गड्ढे से बाहर निकाली गई गोमती बहुत गुस्से में थी। पुलिस की पूछताछ में भी वह ज्यादा कुछ नहीं बोल रही थी। उसने कहा कि उसकी तपस्या को भंग किया गया है, जो कि ठीक नहीं हुआ। ईश्वर किसी को माफ नहीं करेगा और सबको सजा मिलेगी। तमाम कोशिशों के बाद भी पुलिस अधिकारी उसे समझा नहीं सके। वह नाराज होकर थाने से चली गई।
गोमती के दूर-दराज से दर्शन करने आते हैं लोग
   गोमती के पूजा पाठ की प्रसिद्धि गांव के अलावा आसपास के इलाके में भी हो चुकी है। गांव वालों के अनुसार, गोमती बताती है कि उसकी भगवान शिव से बात होती है और इसी के चलते लोग विश्वास करते हैं। सभी तरह की समस्या लेकर लोग उसके पास आते हैं। तमाम लोग मुकदमों, संतान न होने, परिवारिक कलह आदि की समस्या का समाधान पूछने आते हैं। इसके लिए लोग घंटों इतंजार भी करते हैं।

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