गरीबों की नाबालिक बेटियां गायब हो गई ओर एएसआई कार्रवाई के मांग रहा है पैसे
पुलिस ने नहीं सुनी फरियाद, पुलिस उपाधीक्षक को दिया परिवाद, अब पिडित लेंगे न्यायालय की शरण
परिवादी को रात भर थाने में बैठाया, एसडीएम कोर्ट में किया पेश
बांसवाड़ा/राजस्थान।। राजस्थान बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ तहसील से गायब हुई नाबालिग लड़की के अपहरण का गम अब बेबस परिजनों के लिए नासूर बनता जा रहा है। पीड़ितों का कहना है की पाटन पुलिस मे उनकी गायब हो चुकी नाबालिक बेटियों को डीटेन करने का दम नहीं है। परिवादीयो का कहना है की उन्हें मुज़रिमों की तरह रात भर थाने में बैठाए रखा और फिर सुबह एसडीएम कोर्ट में पेश किया गया। पीड़ितों का कहना है की पाटन पुलिस ने उनकी फरियाद को कई समय से तवाज़ों ही नहीं दी है, जिससे दुखी होकर उन्होंने कुशलगढ़ पुलिस उपाधीक्षक को परिवाद दिया है। वही अगर इस बार भी यदि उनकी सुनवाई नहीं होगी तो अब पिडित माता-पिता न्यायालय की शरण लेने की बात कर रहे है।
कथनी और करनी में अंतर क्यों
राजस्थान सरकार कितनी भी ईमानदारी का ढींढोरा पीटे की हमारी सरकार में किसी गरीब के साथ अत्याचार नहीं होगा। वहीं आमजन में विश्वास ओर अपराधियों में डर का नारा बुलंद करने वाली राजस्थान पुलिस भी लाख दावे करे की पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी जाएगी। लेकिन धरातल पर राजस्थान सरकार व राजस्थान पुलिस की कथनी और करनी में साफ अंतर दिखाई देता नजर आ रहा है।
चार माह पहले नाबालिग हुई थी गायब
आज हम राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ उप खंड क्षेत्र के खेड़ा धरती घाटा क्षेत्र के मध्यप्रदेश की सीमा से सटे पाटन पुलिस थाना क्षेत्र के गांव के खेरियापाडा में चार माह पहले एक नाबालिग लड़की के अपहरण की और राजस्थान सरकार व पुलिस के आलाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ओर इस शोषण की दास्ताँ से अनजान जनता को यह मामला बता रहे हैं।
मामला इस प्रकार है कि चार माह पहले खेरियापाडा के निवासी खीमजी पिता मानजी आदिवासी जाती डींडोड की नाबालिग पुत्री के अपहरण का मामला सामने आया है। समाचार लिखे जाने तक नाबालिग लड़की की स्कूल की अंक तालिका अनुसार नाबालिग लड़की कि उम्र दिनांक 15-04-2007 है, उसके अनुसार उसकी उम्र तक़रीबन 15 साल 2 माह हैं, जो नाबालिग की श्रेणी में आती है।
अपरणकर्ताओं की पहचान हो चुकी है फिर भी गिरफ्त से दूर
पिडीत पिता खिमजी ने कुशलगढ़ पुलिस उपाधीक्षक को परिवाद में लिखा की दिनांक 27-03-2022 को भोदर पिता मंगला आदिवासी जाती डोडीयार निवासी उदयपुरीया थाना पाटन अपने खेत में गेहु कटाने के लिए मेरी नाबालिग लड़की को मजदूरी करने के लिए ले गया था। ज़हां भोदर का साला पायल पिता रमेश व परवेश कलारा आदिवासी निवासी हाथिया दिल्ली पुलिस थाना कुशलगढ़ भी गेहु कटाई के लिए उदयपुरिया भोदर के यहा आए थे। पिडीत पिता खिमजी ने बताया कि देर शाम तक नाबालिग लड़की घर पर नहीं लौटी तो आस-पास व भोदर से पुछताछ की जिस पर उन्हें संतोषप्रद जवाब नहीं मिला।
पुलिस उप अधीक्षक को दिया परिवाद
वही पिडित पिता को शक होने पर उन्होंने पाटन पुलिस थाना में इस बाबत रिपोर्ट दी, जहा से न्याय नहीं मिलने पर पिडीत पिता खिमजी ने अब कुशलगढ़ पुलिस उप अधीक्षक को परिवाद दिया है। वहीं बांसवाड़ा जिला पुलिस अधीक्षक राजेश मीणा को भी परिवाद देने की बात उक्त पत्र में लिखी गई है। उच्चाधिकारियों तक नाबालिग लड़की को डीटेन कर उसे पिडीत पिता खिमजी को सुपर्द करने व दोषियों के विरुद्ध कानुनी कार्यवाही करने की मांग की गई थी। वही पिडीत को पुलिस से न्याय नहीं मिलने पर पिडीत ने मिडीया को घटनाक्रम बता कर न्याय की गुहार लगाई है।
न्याय ना मिलने पर की जाएगी भूख हड़ताल
वहीं पिडित पिता खिमजी ने न्यायालय की शरण लेने महिला आयोग व राज्य सरकार के जनसम्पर्क समाधान पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने एवं न्याय ना मिलने पर भूख हड़ताल की भी बात मीडीया से कहीं है। अब देखना यह होगा कि गरिब पिडीत पिता खिमजी की नाबालिग लड़की को कितने दिन में पुलिस डीटेन कर उसे पीड़ितों को सुपर्द कर, आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करतीं हैं!
अपहरण व गुमशुदगी के मामले में एएसआई पर रुपए मांगने का आरोप
अपहरण व गुमशुदगी के मामले में पाटन पुलिस के एएसआई पर रुपए मांगने का आरोप
आइये जानते है क्या था पूरा मामला?
अपराधियों में डर और आमजन में विश्वास का नारा लगाने वाली राजस्थान पुलिस आजकल आमजन में डर और अपराधियों में विश्वास का नारा बुलंद करने में लगी हुई है। जी हां कुछ ऐसा ही मामला राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ उपखंड क्षेत्र के खेड़ा धरती घाटा क्षेत्र के मध्यप्रदेश की सीमा से लगे पाटन पुलिस थाना क्षेत्र में देखने को मिला है।
जहा नलवाई व दरोबडीया गांव की युवतियां के अपहरण व गुमशुदगी के मामले में थाने में पदस्थ एएसआई शंकरलाल पर रिश्वत मांगने के आरोप लगाते हुए बांसवाड़ा एसपी राजेश मीणा को ज्ञापन सौंपा गया है। वही एएसआई शंकरलाल ने अपने ऊपर लगे इन आरोपों से साफ तौर पर इंकार किया है।
नाबालिग लड़की को छुडा लाने के बदले मांगे 15 हजार
प्राथी दरोबडीया निवासी मांगुडा पिता नाथा ने एसपी राजेश मीणा को दिए ज्ञापन में बताया कि 25 दिन पहले एएसआई शंकरलाल निनामा उनके घर आए ओर पिछ्ले साल अगवा हुईं उनकी नाबालिग लड़की को छुडा लाने के बदले 15 हजार रुपयों की मांग की गई।
वहीं दुसरे मामले में नलवाई निवासी बादर पिता बदा ने भी एसपी राजेश मीणा को ज्ञापन में बताया कि करीब छः माह पुर्व बादर की नाबालिग लड़की भाग गई थी। बादर ने पाटन पुलिस को लिखित रिपोर्ट दी पुलिस से न्याय नहीं मिलने पर बादर ने बांसवाड़ा एसपी राजेश मीणा को ज्ञापन दिया था।
एएसआई ने की 10 हजार रुपयों की मांग
ज्ञापन में बताया गया कि इस मामले में एएसआई शंकरलाल ने बच्ची को डीटेन कर सुपर्द करने की बात कही ओर इस एवज में एएसआई शंकरलाल ने 10 हजार रुपयों की मांग की। वही मीडिया कर्मियों ने जब इस बारें में पाटन थानाधिकारी भवानी शंकर खराड़ी से पूछा तो बताया गया की एएसआई शंकरलाल पर लगे आरोप निराधार व बेबुनियाद है।
मामले को लेकर खराड़ी का कहना था की दोनों मामलों में जांच के बाद लड़कियों के बालिग होने के दस्तावेजों के आधार पर उन्होंने बयान भी दर्ज करवा दिए हैं।
वहीं इसी पाटन पुलिस थाने में एक ओर नाबालिग लड़की को भगा ले जाने के मामले में पिडीत खीमजी पिता मानजी आदिवासी जाती डिंडोर निवासी खेरिया पाडा ने कुशलगढ़ में पुलिस उप अधीक्षक को एक लिखित ज्ञापन सौंपा।
खिमजी ने बताया कि उनकी नाबालिग लड़की जिसकी उम्र आधार कार्ड व स्कूल की अंक तालिका के अनुसार जन्म दिनांक 15 अप्रेल 2007 है, जो फ़िलहाल नाबालिग है, वह अभी हाथिया दिल्ली में है।
पिडीत पिता ने न्याय के लिए गुहार लगाई है। देखना यह होगा कि पिडित पिता को पाटन पुलिस कब तक न्याय दिलाने में मददगार साबित होती है, यह तों वक्त ही बताएगा।