25 लाख से अधिक सामान्य वर्ग की आबादी को संवैधानिक पद के अधिकार से वंचित क्यों कर दिया गया? - खोड़निया

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कोंग्रेस पार्टी उदयपुर संभाग के 30 लाख सामान्य व ओबीसी वर्ग को 
पार्टी से जोड़े रखने के लिए ठोस नीति बनाई जाए - खोड़निया
Dinesh Khodaniya
   नई दिल्ली/उदयपुर/बांसवाड़ा/डूंगरपुर/राजस्थान।। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दिनेश खोड़निया ने नई दिल्ली में अखिल भारतीय कोंग्रेस कमिटी के वरिष्ठ नेताओं से भेट कर आग्रह किया है की उदयपुर संभाग में सभी पद आदिवासियों हेतू रिजर्व होने के कारण यहाँ निवाँसरत 25 लाख सामान्य व अन्य पिछड़ा वर्ग को किसी भी संवैधानिक पद पर जाने के अधिकार से वंचित कर दिया गया हे इसलिए कांग्रेस पार्टी को सामान्य व ओबीसी वर्ग के कार्यकर्ताओं को सम्मानजनक पदों पर नियुक्ति करनी चाहिए।    
सरपंच से सांसद तक सारे पद जनजाति के लिए आरक्षित
  खोड़निया ने नई दिल्ली में पिछले दो दिन में महासचिव मुकुल वासनिक राष्ट्रीय प्रवक्ता सांसद रणदीप सुरजेवाला महासचिव व प्रभारी अजय माकन सांसद प्रमोद तिवारी राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष पवन बंसल महासचिव अविनाश पांडे से मुलाक़ात कर आग्रह किया हे की TSP में भुरीया आयोग लागू होने के बाद ट्राईबल सब प्लान एरिया में सरपंच से सांसद तक समस्त पद जनजाति हेतु आरक्षित हो गए हैं। इस कारण गैर जनजाति वर्ग के मतदाताओं को पार्टी के साथ जोड़े रखने हेतु आवश्यक है कि उदयपुर संभाग के उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा व प्रतापगढ़ जिले में कांग्रेस पार्टी के संगठनात्मक पदों पर चाहे जिला स्तर पर हो प्रदेश कांग्रेस कमेटी में हो या एआईसीसी के पदाधिकारी बनने का पद हो उन सब में ब्राह्मण, पाटीदार, राजपूत, जैन, मोड पटेल,  अल्प संख्यक सहित गेर जनजाति वर्ग के कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाना चाहिए। 
उदयपुर संभाग के कार्यकर्ताओं को नहीं मिला मौका 
  खोड़निया ने अवगत कराया की राजनीतिक नियुक्तियों में भी उदयपुर संभाग के कार्यकर्ताओं को राज्य के अन्य संभागों के मुकाबले बहुत कम मौका दिया गया है। 
सोशल इंजीनियरिंग के तहत हो मनोनयन 
  खोड़निया ने आलाकमान से पुर ज़ोर माँग की हे की अगले विधानसभा चुनाव से पहले संगठन में प्रदेश लेवल पर राष्ट्रीय लेवल पर व जिला स्तर पर सोशल इंजीनियरिंग के तहत मनोनयन हो व उदयपुर संभाग के चारों जिलों में एक पाटीदार समाज का एक ब्राह्मण समाज का एक जैन समाज का एक राजपूत समाज का व एक अन्य वर्ग के कार्यकर्ता को जिलाध्यक्ष बनाया जाना चाहिए वही संभाग में ब्लॉक अध्यक्षों के चयन में भी सामान्य व ओबीसी वर्ग को पूरी प्राथमिकता देनी चाहिए। 

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