निजीकरण से आपके रातों की नींद क्यों गायब है?
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निजीकरण से आपके रातों की नींद क्यों गायब है?

क्या निजीकरण सही है?
Why privatization is important
  निजीकरण का आप रोज़ अपनी दैनिक जीवनचर्या में किस तरह से उपयोग करते है यह आप खुद भी नहीं जानते है। आप कई लोगो को निजीकरण के विरोध में भाषण पेलते हुए आसानी से देख और सुन लेंगे ये वो लोग है, जिन्हे हरामखोरी की आदत पड़ चुकी है या वो लोग है जिन्हे अपनी योग्यता से ज्यादा मुफ्त की सरकारी मलाई चाटने की आदत हो गई है। 
  कुछ चमनछाप नेताओ ने आप को अपने राजनीतिक हित के लिए कहा कि निजीकरण से आपको हरामखोरी करने वाली सरकारी नौकरी नही मिलेगी वैसे भी चन्द सरकारी नौकरी के लिए लाखो फार्म भरे जाते है, जिससे सरकार मुफ्त मे ही अरबो रूपये कमा लेती है। आप जहा बीस-तीस हजार की नौकरी पाने के लिए दिन-रात आँखे फोड़ते हो, बाद में पता चलता है की उस परीक्षा के पहले ही कुछ हरामखोर सरकारी कर्मचारीयो ओर अधिकारीयो ने मिलकर आपकी मेहनत का सौदा करते हुए उस परीक्षा के पेपर को ही मार्केट मे बैच दिया है। वही आप सोचते हो ऐसा हर बार थोड़ी होगा। वही आपका परिवार भी आपको ही दोषी मानता है, आपके माता-पिता देश के वर्तमान हालातों से अनजान बने होने से बिना कुछ सोचे-समझे और आप को बिना सुने ही, आप पर ही उन असफलताओं का दोष मण देते है, असल में देखा जाए तो वह असफलता आपकी नहीं बल्कि उस सत्ता की होती है जिसे आप अपना अमूल्य वोट देकर आए है। लेकिन जो गलती आपने की नहीं उसका भारी खामियाज़ा भी आपको को ही भुगतना पड़ता है। 
Why privatization is important
    
    आप फिर से किसी ओर परीक्षा का फार्म भरकर उसमे मशरूख हो जाते हो लेकिन उधर इस बार पेपर आऊट होने की जगह कुछ सरकारी लोग और नेता पैसे देकर कटऑफ मे ही सीधी सैटिंग कर लेते है, जाहिर सी बात है, आप की मेहनत से आये नंबर सैटिंग वालो से कई ज्यादा कम थे, लेकिन इधर आप हकीकत से अनजान कभी अपनी किस्मत को तो कभी अपनी मेहनत को दोष देते रहे। अभी हाल ही में इसका ताज़ा उदहारण एक सनसनीखेज स्केंडल और स्केम जिसे हमारे क्राइम और इन्वेस्टीगेशन के एक पत्रकार ने उजागर किया था जो राजस्थान हाई कोर्ट में चल रही भर्ती में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर था, नतीज़न हाई कोर्ट को पूरी भर्ती प्रक्रिया को जाँच का हवाला देते हुए निरस्त करना पड़ा।
   आपको एक बात ओर बताते चले कि सरकार मे आपके वोटो से सत्ता तक पहुंचे मंत्री हो या प्रशासन मे बैठे अधिकारी या कोई भी कर्मचारी हो या न्यायालय या कानूनी संस्था मे बैठा कोई अधिकार या कर्मचारी हो इन सभी को उनके काम के एवज मे जो तनख्वाह मिलती है, वो तनख्वाह सरकार का कोई मंत्री, नेता या कोई सरकारी अधिकारी अपनी जेब से नही देता बल्कि वह सब आमजन के टैक्स के पैसो से दी जाती है। चाहे वो टैक्स आप दैनिक उपयोगी वस्तुओ पर जीएसटी के रूप मे देते हो, या रोड टैक्स के रूप मे या इन्कम टैक्स रूप मे हो या किसी ओर टैक्स के रूप मे, आपको जानकर हैरानी होगी कि देश मे जाने-अनजाने हम सैकड़ो तरह के टैक्स भरते है। उस टैक्स का उपयोग जनता के हित मे होना चाहिए लेकिन होता बिल्कुल इसके विपरीत है। 
Privatization
    संविधान मे सरकारी अधिकारी, कर्मचारी, नेता ओर मंत्री को जनसेवक बताया गया है, लेकिन यह लोग आज जनता के मालिक बनकर उनके शोषण पर उतर आए है। असल बात एक ओर न्याय होना ही नही चाहिए बल्कि दिखना भी चाहिए कि न्याय हुआ है। लेकिन देश की आज़ादी के बाद से जनता की सेवा करने के लिए बनाया गया पूरा मेकेनिज़्म उल्टा जनता की ही पेलाई करने में लगा हुआ है। आपको शायद यह पता नहीं की राजस्थान में तो एक नेता ने इसी सरकारी महकमे का लाभ उठाकर अपने घर में ही बेटा, बेटी, बहु, दामाद सबको आरएएस बना दिया। वही केंद्र के एक मंत्री ने भी एक ही बार में अपनी बेटी को सीधे ही आईएएस बना दिया है। पढ़ाई के नाम पर पेलाई तो सिर्फ आम लोगो के लिए है बाकी का तो क्या कहे आप खुद ही सब देख और सुन रहे ही है।   
  दुसरी ओर समय का फायदा उठाने वाले अनपढ़ नेता आपको आरक्षण की चाशनी दिखाते हुए अपनी राजनीतिक रोटीया सेकते रहे। समय का पहिया घुमता गया ओर वह गेंगसा चलाने वाले मजदूर से आज बड़े मंत्री बन गए। वही आपको आज भी कोई 10 हजार की नौकरी देने को कोई राजी नही। 
Why privatization is important
   आपकी इन्ही उम्मीदो को पंख देने के लिए मोदी ने निजीकरण की देश मे शुरुआत की ताकी आपके सपनो को कोई चमन चुतिया नेता उसे सरेबाजार बेच ना सके। यहा ज्यादा कुछ लिखने ओर बोलने की जरूरत नही सरकारी स्कूलों के थर्ड क्लास हालात को आप आपके पास की ही किसी भी सरकारी स्कूल मे जाकर देख सकते है, आपकी आंखे खुद ब खुद खुल जाएगी। वैसे कुत्ते के बच्चे की भी आंखे भी 14 दिनो मे खुल ही जाती है, हम तो फिर भी इन्सान है। वैसे हमारा क्या है, "हम तो खुले आसमान के चीते है, अपने दम पर जीते है। खुली किताब को सीते है, असुर गण के प्राणी है, और प्रेत हमारी योनि है।" 
Privatization
  अब हम बात करते है की निज़ीकरण आखिर है क्या जिसका कुछ लोग मोदी सरकार को अक्सर बेवजह ही घेरने के लिए निजीकरण को लेकर रोना रोते रहते है। आप सुबह उठकर चप्पल पहनते हैं, वह निजी कम्पनी ने बनाया है।
Privatization
   फिर वाशरुम जाते हैं, वह भी किसी निजी क्षेत्र ने ही बनाया है। अब आप साबुन/ हैंडवाश से हाथ धोते हैं, वह भी निजी क्षेत्र ने बनाया है। अब आप ब्रश उठाते हो और उस पर मंजन लगाते हो, वह भी निजी क्षेत्र ने बनाया है। अब आप बाहर निकलते हैं और तौलिये से मुह पोछते हैं और सोफे/कुर्सी पर बैठते है, यह भी निजी क्षेत्र ने ही बनाया है।
Privatization
  इसके बाद अब आप मोबाईल चलाते हैं और तीव्र गति से फेसबूक और व्हाट्सप्प देख रहे होते हैं, यह सब भी निजी क्षेत्र ने बनाया है। अब आपकी मिसेज़ आपके लिये नाश्ता बना रही हैं, आपकी मिसेज़ और वह नाश्ता भी निजी क्षेत्र के है। जिस बर्तन में आपको वह परोसा गया और जिस बार से उसे धोया गया है और उसे धोने के लिये जिसको रखा गया है, वह सब भी निजी क्षेत्र के है।
Privatization
  अब आप नहाने जाते हैं और शैम्पू, बाडी वाश, रेजर का इस्तेमाल करते हैं, वह सब भी निजी क्षेत्र का ही है। नहाने के बाद आप जो तेल, क्रीम, पाउडर, कंघा आदि इस्तेमाल करते हैं, वह सब भी निजी क्षेत्र का है। उसके बाद आप जो कपड़े, बेल्ट, टाई, पर्स पहनते हैं, वह भी निजी क्षेत्र का है। अब आप अपने गाड़ी, कार आदि को स्टार्ट करते हैं या फिर आटो, टेम्पो, रिक्शा पकड़ते हैं, वह भी निजी क्षेत्र का है।
Privatization
  अब आप उन 1% लोगों में नहीं हैं, जो सरकारी नौकर हैं, तो आप जिस गली, मुहल्ले, दुकान, मॉल, ऑफिस में जा रहे हैं, वह भी निजी क्षेत्र का है। आप दोपहर में जो टिफ़िन लेकर गये थे खाने के लिये, वह भी निजी क्षेत्र का है। दोपहर के बाद आप थोड़ा चाय, सिगरेट, कॉफी के लिये ऑफिस के बाहर आते हैं, वह भी निजी क्षेत्र का है।
Privatization
  अब शाम हो आयी है, घर लौट रहे है, उसी निजी क्षेत्र के वाहन से, शाम को बैठकर टीवी देख रहे हैं, कोई चैनल लगाया, पंखा चलाया रिलैक्स हुए, यह सब निजी क्षेत्र का है। अभी-अभी दूध वाले ने आवाज लगाई, कपड़े धोने वाला कपड़े लेकर आया, यह सब निजी क्षेत्र के हैं। अब आप अपने बच्चो के साथ बैठे हैं, बच्चो को सरप्राईज़ करने के लिये आपने अचानक कुछ चॉकलेट और खिलौने निकाले, यह सब निजी क्षेत्र के हैं। 
Privatization
   अब आप अपने निजी पत्नी के साथ अपने बच्चो को लेकर जिस टेबल कुर्सी पर बैठकर खा रहे हैं, वह भी निजी क्षेत्र का है। अब रात के 9 बज चुके हैं। आप ने गलती से NDTV लगा दिया वहा रवीश कुमार प्रकट हुए, वह भी निजी क्षेत्र के हैं। उन्होने बताया की मोदी निजीकरण करके देश बेच रहे हैं।
Narendra Modi
  अब आप अपनी निजी पत्नी के साथ निजी क्षेत्र द्वारा बनाये गए बिस्तर और पलंग पर बैठकर इस निजीकरण से बेहद चिंतित हैं और आपके रातों की नींद गायब है। वैसे ईश्वर आप का कल्याण करें। जाते-जाते एक बात और हम सच को सीना ठोक कर लिखते है, इसलिए पोस्ट पसंद आई हो तो देशहित में शेयर जरूर करें।  



लेखक 
(राउडी राठौड़)

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