धोके से छीन ली गरीबों की ज़मीन, अब लगाएगे इंडस्ट्रीस

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  रीको इंडस्ट्रीस लगने से पहले बीटीपी ने खोला विरोध का मोर्चा
  बांसवाड़ा/राजस्थान।। बांसवाड़ा के जनजातीय क्षेत्र कुशलगढ़ में आदिवासियों द्वारा 160 बीघा भूमि पर कई दशकों से काश्तकारी की जा रही है। क़ानूनी नियमो की यदि बात करें को इतने अधिक समय तक यदि कोई किसी भूमि पर कब्ज़ा रखते हुए यदि उसका उपयोग और उपभोग करता है तो उस व्यक्ति में स्वतः ही स्वामित्व एवं मालिकाना अधिकार उत्पन्न हो जाता है। इसके बावजूद बावलिया पाड़ा गांव के गरीब आदिवासी किसानों की भूमि को पिछली भाजपा सरकार के द्वारा जालसाज़ी करते हुए, रीको इंडस्ट्रीज को हस्तांतरित कर दिया गया। भारतीय ट्राइबल पार्टी द्वारा इसका कड़ा विरोध दर्ज किया गया है। भारतीय ट्रायबल पार्टी बिटीपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विजय भाई मईडा ने कहा की जल, जंगल और जमीन पर पहला हक़ गरीब आदिवासीयो का है। 
  
  बीटीपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विजय भाई मईड़ा आज गरीबों के साथ हुए अन्याय का विरोध जताने के लिए उक्त मुकाम पर पहुंचे, जहां पर किसानों के द्वारा आज भी मक्का, सोयाबीन और कपास की खेती की हुई है, मईड़ा ने कहा कि गरीब आदिवासियों का जीविकोपार्जन इसी कृषि भूमि पर आश्रित है। मईड़ा ने बताया कि इस सम्बन्ध में गरीब आदिवासियों द्वारा कई बार प्रशासन को अवगत कराया गया लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। मईड़ा ने उक्त जमीन को काश्तकारों को हस्तांतरित करने की सरकार से पुरजोर तरीके से मांग की है। मईड़ा का कहना है कि यदि गरीबों की इस मांग को पूरा नहीं किया गया तो आदिवासी समाज और भारतीय ट्राइबल पार्टी भविष्य में जन आंदोलन के लिए बाध्य होगी, जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन और सरकार की होगी।
 
 मईड़ा का कहना है कि यदि वर्षों से खेती करने वाले आदिवासियों को रिको व सरकार ने बेदखल किया तो भारतीय ट्रायबल पार्टी (बीटीपी) उग्र आन्दोलन करने पर मजबुर होगी। राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विजय भाई मईडा ने मोजुदा कांग्रेस सरकार व भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने रिक्को इंडस्ट्रीस को गरीब आदिवासियों की जमीन धोके से दे दी है। ऐसे में गरीब आदिवासी अपने जीविकोपार्जन के लिए कहा जाएगे? बता दे कि राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ उपखंड क्षेत्र के खेड़ा धरती घाटा क्षेत्र में ग्राम पंचायत बावलियां पाडा में स्थित रामपुरिया गांव है, जहा रिक्को इंडस्ट्रीस बनने वाली हैं।  

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