जयपुर/राजस्थान।। सात संदूक़ों में भर कर दफ़्न कर दो नफ़रतें आज इंसाँ को मोहब्बत की ज़रूरत है बहुत, कुछ इसी तरह की पंक्तियों को चरितार्थ करती आज की यह खबर है। राजस्थान के जयपुर में इंसानियत की मिसाल देखने को मिली है, जहा मुस्लिमों ने हिंदू युवक को हिन्दू रीति रिवाज के साथ की अंतिम विदाई दी है।
राजस्थान की राजधानी जयपुर से एक बड़ी खबर आ रही है जहां पर भाईचारे की मिसाल देखने को मिली। राजेंद्र सिंह शेखावत उर्फ राजू जो कि मकराना के रहने वाले थे, और पिछले करीब 40 सालों से इरफान चौधरी और मोहसिन चौधरी के पास काम करते थे और एक फैमिली मेंबर की तरह रहते थे। फिर वह अचानक किसी काम से जयपुर आए, और उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उनका निधन हो गया, उनकी उम्र करीब 55 साल के आस पास थी। उसके बाद उनका प्रशासन ने अपनी देखभाल में पोस्टमार्टम कराया जिसके बाद जयपुर निवासी समाजसेवी मजहर भाई केबल वाले, सोहेल भाई सहित अन्य लोगों ने उनकी अर्थी को अपने कब्जे में लेकर हिंदू रीति रिवाज के तहत उन को अंतिम विदाई दी, जिसमें बड़ी तादाद में मुस्लिम समाज के लोग शामिल रहे।
इस गंगा जमुनी तहजीब को देखकर जयपुर नहीं बल्कि राजस्थान भर में चर्चा है कि एक बार फिर जयपुर में इंसानियत की मिसाल देखने को मिली और मकराना निवासी राजेंद्र सिंह शेखावत उर्फ राजू को मुस्लिम लोगों ने मोक्ष धाम में जाकर उनकी अंतिम रीति रिवाज को पूरा किया। आपको बता दें की मकराना के चौधरी परिवार के यहां राजू काम करते थे और मकराना से चौधरी परिवार ने भी उनके अंतिम यात्रा में शामिल हो कर तमाम रीति-रिवाजों में हिस्सा लिया और अपनी तमाम जिम्मेदारियों को इंसानियत के नाते पूरा किया।
वहीं इरफान चौधरी ने बताया कि राजू करीब हमारे यहां 40 साल से काम करता था और वह हमारे परिवार के सदस्य ही था। इसलिए हमने इंसानियत के नाते उसके धर्म के अनुसार उसका अंतिम संस्कार किया, जो कि हमारा इंसानियत के नाते फर्ज था। वही मोहसिन चौधरी ने बताया कि राजू बहुत अच्छे इंसान थे उनका कोई परिवार नहीं था, लेकिन हमने भी उन पर भरोसा जताया और वह हमारी उम्मीदों पर खरे उतरे और मरते दम तक हमारे यही उन्होंने काम किया। आज हमें राजू के बिछड़ने का बहुत दुख है, अब हमारा फर्ज बनता है कि अब हम भी उनके धर्म के अनुसार तमाम रीति-रिवाजों को पूरा कर उन्हें अंतिम विदाई दे।