मुख्यमंत्री आवास के घेराव तक पहुंचा मस्जिद का विरोध
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मुख्यमंत्री आवास के घेराव तक पहुंचा मस्जिद का विरोध

मुख्यमंत्री आवास के घेराव तक पहुंचा मस्जिद का विरोध,
मस्जिद रेजीडेंसी राईयान में विरोध में आज किया गया घेराव,
पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए रोड पर लगाए बेरिकेड्स,
लोगों ने सड़क पर बैठकर जमकर किया विरोध नारेबाजी,
सीएमओ में अधिकारियों से कराई गई डेलीगेशन की बात,
अगले सप्ताह तक कमेटी खारिज करने की दी चेतावनी
 
  जयपुर/राजस्थान।। राजधानी जयपुर में रेजीडेंसी मस्जिद कमेटी के मामले में जारी विरोध प्रदर्शन बढ़ता ही चला जा रहा है। पिछले सप्ताह वक्फ बोर्ड में ताला लगाने के बाद इस बार प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद सीएम हाउस की ओर कूच किया। हालांकि पुलिस बेरिकेटिंग कर लोगों को बाहर रोड पर ही रोक दिया। 
  
  इस दौरान कुछ बुजुर्गों द्वारा कहा गया कि पुलिस द्वारा हमें संवैधानिक विरोध करने से रोका जा रहा है। खुले में 86 वर्षीय बुजुर्ग से कहा गया कि पुलिस द्वारा उन पर और कई मुकदमे दर्ज कर दिए जाएंगे। 
  
  इस पर नाराज़ लोग रोड पर ही धरना देकर बैठ गए और वक्फ बोर्ड समेत वक्फ चेयरमैन के काले कारनामों के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। 
   
  आंदोलनकारियों ने कहा कि अब हमारा आंदोलन वक्फ बोर्ड करप्शन जड़ को पूरी खत्म करने के बाद ही खत्म होगा। इस दौरान चार लोगों का एक डेलिगेशन सीमओ तक ले जाया गया। जिसमें सीएमआर में चार लोगों को मुलाकात के दौरान आश्वासन मिला है कि उनकी मांग पर उचित कार्रवाई की जाएगी। आंदोलनकारियों में से एक मोहम्मद सलीम सिद्दीकी ने कहा कि अगर मांगे नहीं मानी गई तो अगले सप्ताह इससे भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा। 
  
  इससे पिछले सप्ताह वक्फ बोर्ड के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ था बोर्ड पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए लोगों वक्फ बोर्ड मुख्यालय पर ही ताला जड़ दिया था। पिछले सप्ताह पूर्व अजमेर दरगाह कमेटी सदर अमीन पठान के नेतृत्व में वक्फ बोर्ड मुख्यालय का घेराव किया गया था। तब भी चेताया गया था और उसके बाद 112 दिन पूरे हो चुके हैं, सरकार पर कोई असर नहीं हुआ इसीलिए आज सीएम आवास की ओर कूच किया गया।
 
  आंदोलनकारियों ने कहा कि सीएमओ में सबूतों के साथ अपनी बात मजबूती से रखी है। इससे पहले अल्पसंख्यक मामलात मंत्री भी जांच करवा चुके हैं। सभी को पता है कि खुले में गलत काम किया गया लेकिन वक्फ चेयरमैन की खुली बेशर्मी है कि वो अपना फैसला वापस लेने को तैयार ही नहीं बस करप्शन पर उतारू है।

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