समग्र कान्ति के अग्रदूत महिर्षि दयानंद नहीं होते तो हिन्दूओं का नामोनिशान नहीं रहता - यशपाल यश
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समग्र कान्ति के अग्रदूत महिर्षि दयानंद नहीं होते तो हिन्दूओं का नामोनिशान नहीं रहता - यशपाल यश

ऋषि दयानंद के दो सौ वें जन्मदिन पर ओमाश्रय सेवा धाम में भव्य कार्यक्रम सम्पन्न
  जयपुर/राजस्थान।। आर्य समाज समन्वय समिति जयपुर द्वारा स्वामी दयानंद सरस्वती के दो सौवें जन्मदिन पर ओमाश्रय सेवा धाम में भव्य आयोजन हुआ। यज्ञ बृह्मा एवं संचालक यशपाल यश ने वताया कि कार्यक्रम में महिलाओं ने वडी संख्या में यज्ञ में आहुतियां दे एवं भजन कविताएं सुनाकर ऋषि दयानंद के द्वारा किए नारी सशक्तिकरण को सार्थक किया ।यश ने कहा कि समग़ कान्ति के अग़दूत महिर्षि दयानंद नहीं होते तो हिन्दूओं का नामोनिशान नहीं रहता।  
 यश ने ईश्वर प्राप्ति और मोक्ष के लिए वैदिक चिंतन से अबगत कराते हुए दयानंद द्वारा हत्यारे को क्षमा कर भगाना अहिंसा दया की पराकाष्ठा वताया। यश ने वेदमन्त्रों का भाव वताते हुए कहा कि सब सामर्थ्य से जीव सेवा ही विशेष भक्ति है जो मोक्षदायिनी है। श्रीमति सीमा गोयल श्रीमति राधा शर्मा, श्रीमती सुषमा कंसल श्रीमति हेमा शर्मा महेंद्र सिंह धाकड तथा भगवान दास गर्ग आदि ने भजनों और विचारों से ऋषि दयानंद का गुणगान किया।
  इस अवसर पर श्रीमति राधा शर्मा अनिल शर्मा मानसरोवर ओ पी गुप्ता महेश नगर मंत्री जनता कोलोनी आर्य समाज डी के गुप्ता श्रीमति नीता गुप्ता प़धान आर्य समाज जयपुर दक्षिण भगवान दास गर्ग प़वींण शर्मा जीवन गुप्ता सुशील मालपानी अनुकम्पा प्लेटीना पर्व कंसल श्रीमति सुषमा कंसल अजय कंसल विवेक विहार डॉ पावन सिंघल पत्रकार कालोनी वी पी पोद्दार अधिशाषी अभियंता महेंद्र सिंह धाकड पृथ्वी राज नगर श्याम अग़बाल श्रीमति ऋतु दत्ता सुमित दत्ता देवेश गोयल एवं श्रीमति सीमा गोयल( माताजी श्रीमति सबिता गोयल की तीसरी पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में) मुख्य यजमान रहे।

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