गुड़ में जहर मिलाकर 45 गायें मारीं, मृत शरीर को हजारों मे थे बेचते
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गुड़ में जहर मिलाकर 45 गायें मारीं, मृत शरीर को हजारों मे थे बेचते

  करनाल/हरियाणा।। पैसों की भुख ने कुछ लोगो को हैवान बना दिया है। जी हां हरियाणा में पैसों की भूख ने आदमी को शैतान बना दिया है, जिसमे पैसों की खातिर गुड़ में जहर मिलाकर 45 गायों को मारने का मामला सामने आया है। जानकारों का कहना है कि इस तरह मारी गई गायों को अभियुक्त उनके मृत शरीर का सौदा हज़ारों में कर देते है।   
  बतादे कि हरियाणा के करनाल की एक गौशाला में रहस्यमय परिस्थितियों में 45 गायें मर गई थीं। इस मामले में अब 16 दिन बाद बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल, इन सभी गायों को गुड़ में जहर मिलाकर दिया गया था। यह गौशाला करनाल नगर निगम की ओर से संचालित की जाती है और फोसगढ़ गांव में बनी हुई है। मामले में चार लोगों की गिरफ्तारी हुई है। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है, जांच में पाया गया है कि उन्होंने ने सल्फोस मिलाया था। 
  पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान कुरुक्षेत्र के विशाल कुमार, करनाल शहर के रजत कुमार, करनाल के सूरज कुमार और अंबाला कैंट के सोनू के रूप में हुई है। CIA के इंचार्ज इंस्पेक्टर मोहन लाल ने बताया कि आरोपियों ने शाहबाद के देहा बस्ती निवासी एक अन्य आरोपी सुरेश कुमार की मदद से गायों को जहर देकर मारने की योजना बनाई थी। 
मुख्य आरोपी सुरेश अभी फरार
  पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने 26 और 27 जनवरी की दरम्यानी रात को सल्फास मिला गुड़ लाकर गौशाला में मवेशियों को खिलाया था। मुख्य आरोपी सुरेश अभी फरार है और पुलिस की टीमें उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही हैं। इंस्पेक्टर मोहन लाल ने कहा कि आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और उन्हें सोमवार को अदालत में पेश किया जाएगा। मवेशियों की हत्या के कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस आगे की पूछताछ के लिए उनका रिमांड मांगेगी। 
  उन्होंने कहा कि पुलिस यह भी जांच करेगी कि क्या उन्होंने पहले भी मवेशियों को जहर दिया था। 27 जनवरी की सुबह कम से कम 45 मवेशी मृत पाए गए, जबकि 10 बीमार हो गए थे. करनाल के डिप्टी कमिश्नर के आदेश पर स्थानीय स्तर पर जांच कराई गई और विसरा के सैंपल एकत्र कर मधुबन स्थित फोरेंसिक साइंल लेबोरेटरी भेजे गए, लेकिन अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका है। 
पैसों के लिए मवेशियों को मारा
  भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 429 के तहत चारा मंडी के एक कमीशन एजेंट के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। बाद में मुख्यमंत्री की ओर से करनाल संभागीय आयुक्त साकेत कुमार के नेतृत्व में चार सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया। मोहन लाल ने बताया कि आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि उन्होंने मृत पशुओं को उठाने का ठेका लिया था। वे प्रति मवेशी 8,000 से 10,000 के हिसाब से जानवरों की खाल और शव बेचते हैं और पैसों के लिए वे मवेशियों ज़हर देकर मार दिया करते थे। 

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