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भारतीय बेरोजगार मोर्चा द्वारा बेरोजगारों की संसद का आयोजन

  भारतीय बेरोजगार मोर्चा द्वारा बेरोजगारी संसद का आयोजन करते हुए बेरोजगार साथियों को सम्बोधित करते हुए बताया गया कि स्वतंत्रता के 75 साल में भारत देश प्रगति की ओर कम, अधोगति की ओर ज्यादा बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। भारत की पहचान अब बेरोजगारों का देश बनी है। 35 करोड़ से ज्यादा युवा लगभग बेरोजगारी की चपेट में है।
  भाजपा हो या कांग्रेस इनकी घटिया नीति की वजह से, देश में बेरोजगारी तीव्र गति से बढ़ती जा रही है। इसको रोकने के लिए किसी प्रकार का कोई उपाय ये योजना सरकार द्वारा नहीं कि जा रही है। इसलिए युवा लगातार निराशामय जीवन जी रहा है। इस वजह से देश में क्राइम बढ़ रहे है, बेरोजगार कुंठित हो रहे है, और आत्महत्या कर रहे है।
  आज की तारीख में बेरोजगारी यह राष्ट्रीय समस्या बनी हुई है मगर किसी भी प्रकार की कोई चर्चा देश का मीडिया नही कर रहा है, न कोई सांसद या विधायक इस पर अपनी आवाज उठा रहे है। इस वजह से साथियों, भारतीय बेरोजगार मोर्चा के द्वारा देशभर में "बेरोजगारों की संसद" इस समारोह का आयोजन किया जा रहा है।
  इस समारोह के माध्यम से देश के लाखो करोड़ों युवा की आवाज जन जन तक पहुंचाई जायेगी साथ ही उनकी समस्या पर समाधान करने के लिए सरकार पर दबाव बनाया जायेगा। 
 इसलिए तमाम बेरोजगार युवा से अपील है इस बेरोजगारों की संसद समारोह में शामिल होकर अपने हक अधिकार को बचाने के लिए अपनी एकता दिखाकर राष्ट्रीय आदिवासी छात्र संघ सहभागी होकर इस प्रोग्राम को संघटित शक्ति के साथ सफल बनाने तन मन धन से सहयोग करेगा यह जानकारी नारायण सिंगाड द्वारा दी गई।

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