गुरुजी कक्षा में टेबल लगाकर सो जाते हैं, नौनिहाल बालको से करवाया जाता है झाड़ू पोछा
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गुरुजी कक्षा में टेबल लगाकर सो जाते हैं, नौनिहाल बालको से करवाया जाता है झाड़ू पोछा

चिकारड़ा के महात्मा गांधी अंग्रेजी विद्यालय में भारी अनियमितता
सक्षम अधिकारी वर्ग को पता नहीं कि विद्यालय में हो क्या रहा
बालकों के जीवन से खेल रहे अध्यापक वर्ग 
  चित्तौड़गढ़/राजस्थान।। मोदी सरकार जहा देश की शिक्षा व्यवस्था को सही करने वाले मनीष सिसोदिया को बर्बाद करने के लिए अपना पूरा जोर लगा रही है, वही राजस्थान कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार और देश में बीजेपी की मोदी सरकार ने देश की शिक्षा व्यवस्था की ऐसी धज्जिया उड़ा कर रख दी है कि सरकारी मास्टरों ने ही शिक्षा के मंदिर को अय्याशी का अड्डा बनाकर रख दिया है। राजस्थान के चित्तौरगढ़ जिले में ऐसे ही बदत्तर हालत देखने को मिले है। जी हां जिले के डूंगला उपखंड क्षेत्र के गांव चिकारड़ा में अंग्रेजी माध्यम महात्मा गांधी सरकारी स्कूल मे भारी अनियमितता पाई गई है। चिकारड़ा के महात्मा गांधी उच्च प्राथमिक विद्यालय में बुधवार को ग्रामीणों को अनियमितता के बारे में जानकारी मिलने पर पत्रकार वहा पहुंचे। जहां पर पीईईओ चिकारड़ा पहले से ही विद्यालय में मौजूद थी। 
अध्यापक नदारद, ऑनलाइन छुट्टी भी फीलिंग नहीं
 जानकारी में सामने आया कि महात्मा गांधी उच्च प्राथमिक विद्यालय में लंबे समय से अनियमितता के चलते छात्र वर्ग परेशान था। कार्यवाहक प्रधानाध्यापक महेश कुमार भट्ट से इन अनियमितता के बारे में जानकारी चाही गई तो उन्होंने अपने आप को अनभिज्ञ बताया। सबसे पहले स्कूल में उपस्थित स्टाफ के बारे में जानकारी चाहने पर कई अध्यापक नदारद थे तथा उनकी ऑनलाइन छुट्टी भी फीलिंग नहीं थी। इस बारे में जानकारी चाहने पर कोई संतोष पूर्ण जवाब नहीं मिला। वही पीईईओ द्वारा नदारद अध्यापकों के अनुपस्थिति दर्ज करने के बजाए सीएल लगाई गई।
गुरुजी कक्षा में टेबल लगाकर सो जाते हैं
   बात यहीं खत्म नहीं होती विद्यालय में जब बालकों से पूछताछ की गई तो बालकों ने बताया कि कक्षा में पढ़ाने के लिए गुरुजी नहीं आते हैं। हम बात करते हैं तो मारपीट कर चले जाते हैं। कक्षा में 2- 3 टेबल लगाकर वही सो जाते हैं। सभी कक्षाओं का यही हाल है। जब पोषाहार की बात सामने आई तो सरकार द्वारा निर्धारित मीनू के अनुसार भोजन नहीं बनाया जाता है। इसकी जानकारी करने पर कुक एंड हेल्पर ने बताया कि जैसा हमें निर्देश मिलता है वही करते हैं बुधवार को पोषाहार प्रभारी अवकाश पर था। 
पिने के पानी की टंकी और बर्तनों की साफ सफाई बेहाल   
  अवकाश के दौरान कार्यवाहक प्रधानाचार्य महेश कुमार भट्ट के पास चार्ज होने पर उनके द्वारा बताया गया मीनू बनाया गया। वही पोषाहार के चावल में कीड़े तैर रहे थे। बर्तनों की साफ सफाई भी ठीक नहीं थी। विद्यालय के पिने के पानी के टैंक में देखने पर पाया कि विद्यालय की लापरवाही के चलते पानी के टैंक की साफ सफाई नहीं करवाई जाती है। इसी वजह से उसमें पानी मटमैला नजर आया एवं पानी की टंकी के नीचे गंदगी पसर रही थी। ऐसा पानी बालकों को पिलाया जा रहा था। 
कुक एन्ड हेल्पर विद्यालय का खाना टिपिन भरकर ले जाती है घर 
  वही पता चला कि पिछले लंबे समय से कुक एन्ड हेल्पर विद्यालय का पकाया हुआ खाना अपने परिजनों के लिए प्रतिदिन टिपिन भरकर कर घर ले जा रही थी। जिसका ग्रामीणों ने बीच बाजार फोटो भी लिया था। उक्त वारदात में जब कुक एंड हेल्पपर से जानकारी चाहिए तो उनके द्वारा बताया गया कि खाना ले जाती थी घर पर। इससे पूर्व भी विद्यालय में रविवार को निजी संस्थान द्वारा परीक्षा आयोजित करवाई गई। उस परीक्षा में विद्यालय को कार्यवाहक प्रधानाचार्य महेश कुमार भट्ट ने बिना किसी उच्च अधिकारी के परमिशन के विद्यालय को किराए पर दे दिया था। 
ऊपर से नीचे तक मामला मिलाजुला
  इस संबंध में दैनिक अखबारों में समाचार प्रकाशित होने के बाद भी उच्च अधिकारियों ने इस पर कोई भी कार्रवाई करना मुनासिब नहीं समझा। इससे तो यह प्रतीत होता है कि ऊपर से नीचे तक मामला मिलाजुला लगता है उक्त विद्यालय को रविवार के दिन प्रातः 10:00 से 5:30 तक 4 कमरों के साथ दो होल बरामदा उपभोग मे लेने के लिए दिए गए थे। उक्त प्राइवेट सेंटर ने अपने प्रवेश पत्र पर परीक्षा स्थान की जगह "राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय लिखा" था। इसकी जानकारी करने पर करने पर प्रधानाचार्य तथा कार्यवाहक प्रधानाचार्य ने अपनी अनभिज्ञता जाहिर की थी। कार्यवाहक प्रधानाचार्य नें अपनी गलती पर लीपापोती करने के लिए एसडीएमसी सदस्यों के साइन कराने घर-घर तक पहुंच गए। 
प्रधानाध्यापक रजिस्टर लेकर घर-घर साइन करवाने के लिए पहुंचे 
  इसकी जानकारी पत्रकार द्वारा की गई तो विद्यालय में कार्यवाहक प्रधानाचार्य मौके पर नहीं मिले और नहीं विद्यालय में एसडीएमसी रजिस्टर था। प्रधानाध्यापक द्वारा रजिस्टर लेकर घर-घर साइन करवाने के लिए पहुंचे जागरूक ग्रामीणों ने वहां पर भी इनके फोटो लिए। वही ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि विद्यालय का महत्वपूर्ण डाक्यूमेंट्स विद्यालय के बाहर कैसे पहुंच गया। इसकी जानकारी ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी द्वारा चाही गई तो उन्होंने इस बारे में अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि मुझे किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है। 
कक्षा कक्ष का प्लास्टर छत सहीत दीवारों का उखड़ा हुआ
  बुधवार को स्टंट ऑपरेशन के बाद भी ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी जब्बार खान देशवाली से जानकारी चाही तो उन्होंने किसी भी बात को उनकी जानकारी में नहीं होना बताया। जिस पद पर अधिकारी जी विराजमान है को उनके अधीनस्थ सरकारी विद्यालयों में क्या हो रहा है? को इस बारे में जानकारी नहीं है। इससे साफ जाहिर होता है कि कहीं न कहीं लापरवाही जरूर है। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को पिछले 15 दिन पहले भी इस विषय को लेकर जानकारी थी। लेकिन कार्रवाई करना मुनासिब नहीं समझा। महात्मा गांधी विद्यालय में जिस कक्षा कक्ष में बच्चों को बैठकर पढ़ाया जा रहा है उस कक्षा कक्ष का प्लास्टर छत सहीत दीवारों का उखड़ा हुआ था। उसी कक्षा में बालको को बिठाया जा रहा है। किसी हादसे को लेकर इसका जवाब दार कौन रहेगा? इसके बारे में विद्यालय के अध्यापकों के पास कोई जवाब नहीं था। 
नौनिहाल बालको से करवाया जाता है झाड़ू पोछा
  कहने को अंग्रेजी महात्मा गांधी उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। जहां पर देश के होनहार नौनिहाल बालको से झाड़ू पोछा करवाया जाता है। क्या अभिभावक विद्यालय में बालकों को झाड़ू पोछा करवाने ही भेजते हैं। इसका भी जवाब किसी भी अध्यापक के पास नहीं था। विद्यालय के टॉयलेट भी गंदगी से अटे पड़े थे। विद्यालय के कार्यवाहक प्रधानाध्यापक ने बताया कि विद्यालय की पूरी बिल्डिंग में करंट प्रवाहित होता है। ऐसे में कक्षा कक्ष में बालकों को बिठाना खतरे से खाली नहीं था। फिर भी अनदेखी करते हुए बालकों को उसी विद्यालय परिसर में बिठाया जा रहा था। किसी भी हादसे के लिए कौन प्रशासन जिम्मेदार था? इसका भी जवाब देने वाला कोई नहीं था। बात अभी तक यहीं समाप्त नहीं होती है।
विद्यालय कभी-कभी 10:00 बजे बाद भी खुलता है 
  विद्यालय का समय सरकार के अनुसार प्रातः 10:00 से 4:00 तक का रहता है। विद्यालय उदयपुर निंबाहेड़ा राजमार्ग के मेन रोड पर स्थित है। लेकिन लेट लतिफ चलने वाले अध्यापक के कारण विद्यालय कभी-कभी 10:00 बजे बाद भी खुलता है। ऐसी स्थिति में बालक बालिकाए मेन रोड पर घंटों खड़े रहते हैं। इस मार्ग पर ट्रैफिक व्यवस्था का भारी दबाव बना रहता है। इसी प्रकार का हादसा किसी भी बालक बालिका के साथ होता है तो इसका भी जवाबदार कौन रहेगा? यह बताने वाला भी कोई नहीं था।
  गैर तलब है कि विद्यालय के अध्यापक विद्यालय समय में विद्यालय के बाहर अन्य दुकानों पर बैठे देखे गए हैं। विद्यालय में चलती गुटबाजी नें विद्यालय को गर्त में पहुंचा दिया। विद्यालय में अध्यापको नें कहा कि पत्रकार किसकी परमिशन से विद्यालय में आए हैं और इनको किसने बुलाया है। यह अध्यापक ही ग्रामीणों से मिलकर स्टंट खड़ा करने का कार्य करते हैं। इतनी बड़ी अनियमितता के बाद भी उपखंड मुख्यालय पर स्थित ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी ने कभी भी जानकारी करने का दुस्साहस नहीं किया मेरे क्षेत्र में विद्यालय की स्थिति क्या है। ग्रामीणों ने ऐसे अध्यापकों के साथ कुक एन्ड हेल्पर पर भी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि जिस जगह बालकों का भविष्य सुरक्षित नहीं है, सरकार सो रही है उनको सिर्फ सत्ता की बोटियाँ खानी है, ऐसे लोगो का हिसाब बना देना चाहिए। ग्रामीणों ने कहा कि ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही अवश्य होनी चाहिए तथा उनके स्थान पर अन्य को लगाना चाहिए।
अनियमितता की मुझे जानकारी नहीं
  कार्यवाहक प्रधानाचार्य राजकीय महात्मा गांधी अंग्रेजी विद्यालय चिकारड़ा, महेश भट्ट का कहना है कि "मैंने उच्च अधिकारियों को बताए बिना विद्यालय भवन निजी कोचिंग सेंटर को एग्जाम कराने के लिए दिया है। विद्यालय में हो रही अनियमितता की मुझे जानकारी में नहीं है। अध्यापक विद्यालय में बिना जानकारी के अनुपस्थित है यह सारी बातें पीईईओ चिकारड़ा मैडम ही बता पाएंगे। मिड डे मील के बारे में मुझे जानकारी नहीं है। विद्यालय में कक्षा कक्ष में कौन सोता है इसकी भी मुझे जानकारी नहीं है।
क्या करें हम क्लास में बैठकर बातें करते हैं
  वही कक्षा आठ के बालको का कहना है कि अध्यापक कक्षा कक्ष में नहीं आते। हम क्लास में बैठकर बातें करते हैं तो अध्यापक आनन-फानन में आकर हमें कूट डालते हैं तथा कक्षा कक्ष में टेबल लगा कर सो जाते हैं। 
  दूसरी और मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी डूंगला, जब्बार खान देशवाली का कहना है कि मेरे को पोषाहार की अनियमितता, अध्यापकों के पढ़ाने को लेकर, अध्यापकों के स्कूल में नहीं आने के तथा अवकाश नहीं लेने के क्रम में, विद्यालय में बच्चों से झाड़ू पोछा कराने को लेकर जानकारी नहीं है। इस बारे में तथ्यात्मक रिपोर्ट प्राप्त कर कार्रवाई की जाएगी।

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