अनोखा मंदिर : यहां माता को फूल, नारियल की जगह चढ़ाए जाते हैं कंकड़-पत्थर
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अनोखा मंदिर : यहां माता को फूल, नारियल की जगह चढ़ाए जाते हैं कंकड़-पत्थर

  बिलासपुर/छत्तीसगढ़।। अमूमन देवी देवताओं को हर कोई फूल माला नारियल ही चढ़ाता है लेकिन छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक ऐसा मंदिर है जहा लोग देवी को फूल माला की जगह कंकड़ पत्थर अर्पित करते है। जी हां हम बात कर रहे है एक ऐसे ही मंदिर की जहां देवी मां को भोग और प्रसाद के रूप में नारियल या फल-फूल नहीं बल्कि कंकड़-पत्थर का चढ़ावा चढ़ाया जाता है। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर से लगे खमतराई में वनदेवी का एक अनोखा मंदिर है, जहां माता को नारियल, फूल, पूजा सामग्री का चढ़ावा नहीं चढ़ाया जाता, बल्कि यहां प्रसाद के रूप में कंकड़-पत्थर का चढ़ावा चढ़ाया जाता है। 
 बतादे कि खमतराई बगदाई मंदिर में वनदेवी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि वनदेवी के दरबार में मन्नत पूरी होने के लिए चढ़ावे के रूप में पांच पत्थर चढ़ाए जाते है। श्रद्धालु यहाँ पांच पत्थर लेकर आते हैं और देवी मां से अपनी मनोकामना कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि वनदेवी के इस मंदिर में सच्चे मन से पांच पत्थर चढ़ाने वाले श्रद्धालु की मनोकामना जरूर पूरी होती है। 
   वन देवी को कोई भी साधारण पत्थर नहीं चढ़ाया जा सकता बल्कि खेतों में मिलने वाला गोटा पत्थर ही चढ़ाया जाता है। मंदिर के पुजारी अश्वनी तिवारी ने बताया कि वनदेवी के मंदिर में पांच पत्थर चढ़ाने की अनोखी प्रथा यहां सदियों से चली आ रही है। इस मंदिर में भक्त फूल, माला और पूजन सामग्री लेकर नहीं आते हैं। बल्कि पांच पत्थर लेकर मां को प्रशन्न करते हैं और मां से अपनी मनोकामना कहते हैं। 
   यहां मान्यता है की मां वनदेवी के मंदिर में सच्चे मन से पांच पत्थर चढ़ाने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामना जरूर पूरी होती है। वनदेवी के मंदिर में कोई भी पत्थर चढ़ावे के रूप में नहीं चढ़ाया जा सकता, बल्कि खेतों में मिलने वाला गोटा पत्थर ही बस चढ़ाने की परंपरा है। अश्वनी तिवारी कहते हैं कि छत्तीसगढ़ी में इस पत्थर को चमरगोटा कहते हैं। बस यही पत्थर चढ़ावे के रूप में चढ़ाया जाता है। 

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