तपोभूमि लालीवाव मठ में धूम-धाम से मनाया श्रीराम प्राकट्योत्सव
Headline News
Loading...

Ads Area

तपोभूमि लालीवाव मठ में धूम-धाम से मनाया श्रीराम प्राकट्योत्सव

हुबहु तैयार किया गया अयोध्या रामजन्भूमि मंदिर का मॉडल 
 बांसवाड़ा/राजस्थान।। शहर के ऐतिहासिक तपोभूमि लालीवाव मठ में गुरुवार को पूजन-अर्चन, हवन संग धूमधाम से रामनवमी मनाई गई। इस दौरान लालीवाव मठ परिसर में स्थित सभी मंदिरों पर पंचरंगी ध्वजा चड़ाई गई। भगवान पद्मनाभ का रामरूप मेें विशेष श्रृंगार किया गया, झांकी में श्री अयोध्या रामजन्भूमि मंदिर का हुबहु मॉडल तैयार किया गया है। भगवान के दर्शन कर भक्त भाव विभोर हो गये। सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु जुटे। इस मौके पर हवन पूर्णाहूति की गई। 
  हवन के पश्चात् दोपहर 12 बजे भगवान का श्री राम का प्राक्टयोत्सव जैसे ही प्रारम्भ हुआ तो शंखनाद के साथ मंदिर परिसर में ‘‘अवध में आनन्द भयो, जय कौशल्या लाल की, अवध में आनन्द भयो, जय सुमित्रा लाल की, अवध में आनन्द भयो, जय कैकेयी लाल की’’ गूंज उठा। भगवान श्री राम का जन्मोत्सव में सभी भक्तजन भाव विभोर हो गये । उसके पश्चात भगवान की बाँसवाड़ा शहर की सबसे बड़ी 5 महाआरती उतारी गई।
  भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव भक्तिभाव से मनाया गया। दोपहर 12 बजते ही मंदिर रामचरित मानस की चौपाइयों और घंटा घडि़यालों से गूंज उठे। रामजन्म होते ही लोगों ने गोले पटाखे दाग कर खुशी जताई। भगवान राम की महाआरती की गई और श्रद्धालुओं को पंजीरी व अन्य प्रसाद वितरित किया गया।
एहि तन कर फल बिषय न भाई
  महामण्डलेश्वर हरिओमदासजी महाराज ने भक्तों को बताया कि यह शरीर विषयभोग के लिए नहीं मिला। यह शरीर मिला है निर्दाेष परमात्मा का सुख लेने के लिए, शुद्ध आनंद लेने के लिए। शुद्ध कृत्य करते-करते हृदय शुद्ध होता जायेगा। हृदय जितना शुद्ध होगा उतना शांत रहेगा और जितना शांत रहेगा उतना शांतस्वरूप परमात्मा के करीब आ जायेगा। इसके लिए केवल तड़प हो जाय बस, बाकी का काम तो भगवान कर देते हैं।

Post a Comment

0 Comments