मनुष्य का दुःख संत एवं भगवान ही दूर कर सकते हैं, औऱ कोई नहीं - साध्वी सरस्वती
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मनुष्य का दुःख संत एवं भगवान ही दूर कर सकते हैं, औऱ कोई नहीं - साध्वी सरस्वती

  उदयपुर/राजस्थान।। भारतीय नववर्ष स्वागत समिति के तत्वाधान में रेलवे स्टेशन स्थित कृषि उपज मंडी में शुरू हुई राष्ट्रोत्थान श्री राम कथा के तीसरे दिन साध्वी सरस्वती दीदी ने कहा की शिवजी ने हल्दी चंदन की जगह भस्म म लगा कर यह संदेश दिया कि व्यक्ति को अंत में भस्मी ही बनना है शिव शक्ति से कार्तिक स्वामी का जन्म हुआ तारकासुर का वध हुआ।
मृत्यु अवश्यभाव है मृत्यु एवं भगवान को कभी मत भूलो
  मृत्यु से डरना नहीं याद रखना है पहले घर कच्चे थे पर मन पक्के थे आज घर पक्के हैं पर मन कच्चे हैं। जब जब भी धर्म की हानि हुई तब तब हरि अवतरित हुए है साधु रक्षा दुष्टों का नाश व धर्म की स्थापना के लिए भगवान अवतार लेते है। 
संतो की तपस्या के कारण ही धर्म संस्कृति की नींव कोई डगा नही सका
  कलयुग में संस्कृति की रक्षा हमें करनी है भगवान बार-बार नहीं आते हैं। हिरण्यकश्यप नृसिंह अवतार रावण कुंभकरण दन्तव्रक, शिशुपाल कृष्ण अवतार के प्रसंगों का वर्णन किया साथ ही कहा की पांचों इंद्रियों को भगवान की तरफ मोड़ देना चाहिए राजा धर्म वान शील वान, योद्धा दुष्टों को मुंहतोड़ जवाब देने वाला हो अपना दुखड़ा केवल संत व भगवान के आगे रोवो। 
 हमारे तिथि त्योहार धूमधाम के साथ मनाओ सप्ताह में 1 दिन उपवास करो माथे पर तिलक लगाओ। कथा में राम जन्मोत्सव धूम-धाम के साथ मनाया गया भगवान श्रीराम की झांकिया सजाई गई महिलाओं ने झूम कर नृत्य किया। भिंडर थानाअधिकारी मुकेश खोईवाल कथा का भरपूर आनंद लिया। एवं पत्रकारों को सरस्वती दीदी जी ने मंच पर बुलाकर आशीर्वाद देते हुए स्वागत किया।

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