याचिका के अनुसार याची की मां बिजली विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर कार्यरत थी। गत 10 जून 2012 को सेवाकाल के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी। याची विवाहित थी। उसने मां की जगह नौकरी के लिए आवेदन किया था लेकिन विभाग ने नौकरी देने से यह कहते हुए मना कर दिया कि वह शादीशुदा है।
याची के वकील सुनील कुमार शुक्ला ने न्यायालय को विमला श्रीवास्तव के केस का हवाला दिया जिसमें न्यायालय के 2 जजों की बैंच ने यह अवधारित कर रखा है कि विवाहित होने के आधार पर नौकरी देने से इंकार नहीं किया जा सकता। उक्त के आधार पर न्यायालय ने बिजली विभाग के फैसले को रद्द कर दिया।
