दरअसल ये खबर सबसे पहले लखनऊ से आई है. यहां पचास फ़ीसदी से ज़्यादा भैंसों को इस तरह का चारा खिलाया जा रहा है. लेकिन अब सवाल ये उठता है कि क्या इससे जानवरों या फ़िर इस दूध को पीने वालों को किसी तरह का नुकसान तो नहीं हो रहा.
आपको बता दें कि बियर जौ से बनाई जाती है. उसके बाद उसमे से करीब 30 फ़ीसदी मलबा बच जाता है, जिसका ज़्यादातर हिस्सा पानी के रूप में होता है. इस पानी को किसी भी चारे में मिला कर गाय और भैंसों को खिला दिया जाता है.
लेकिन अभी भी पशु चिकित्सक एक राय नहीं बना पा रहे हैं कि ये कितना सुरक्षित है. अभी तक ऐसा कोई शोध भी नहीं हुआ है तो चिकित्सक ऐसी किसी बात पर अपनी राय देने से बच रहे हैं. जब तक ऐसे शोध नहीं किए जाते तब-तक ऐसे दूध का उपयोग हानि पहुंचा सकता है. तो ज़रा सम्भल कर दूध का इस्तेमाल करें और सावधान रहें.
