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"भारतीय सेना" को दुनिया की सबसे "खुंखार" सेना बनाने की दिशा में मिशन शुरु हो चूका है


पैलट गन ... जरुरी जानकारी

1. पेलेट गन से तेज़ गति से छोटे लोहे के बॉल फायर किए जाते हैं और एक कारतूस में 500 तक ऐसे लोहे के बॉल हो सकते हैं।
2. फायर करने के बाद कारतूस हवा में फूटते हैं और छर्रे एक जगह से चारों दिशाओं में जाते हैं.

3. पैलट गन इसराइल से आयातित है। एक पैलट गन की कीमत लगभग 1.5 लाख रुपये है।

4. इसको भारतीयों के हिस्से वाले 15 - 15 लाख रुपयों की मदद से इजराइल से मंगाया गया है।
5. इसके छर्रे "सुवर" की "चर्बी" में लपेटकर सुखाये जाते हैं ताकि देशद्रोही आतंकियों जन्नती हुर्रें प्राप्त न कर पायें
6. पेलेट गन- मारती नहीं, 'ज़िंदा लाश' बना देती है.. घायल को इलाज के लिए कश्मीर के बाहर ले जाना पड़ता है. आंखों की रौशनी वापिस आना लगभग मुमकिन नहीं होता.. भारी कीमत चुकानी पडती है.
     जिनको झुठ लग रहा हो उनका कोइ इलाज नहीं है, लेकिन हकीकत ये है कि ये पेलेट गन की खातिरदारी से 620 लोग अंधे हो चूके है और 3600+ लोग इस तरह घायल "छेदिया" बन गए है कि वो अब आतंकी "गिलानी" की पथ्थर फेंकने की 40,000 रु कि ओफर स्वीकार करने को तैयार नहीं है.. जो पहले सिर्फ 500 रु लेकर पथ्थर फेंका करते थे... (Info coming from RAW agents)
      वैसे पर्रिकर, मोदी, अजीत डॉवल अपनी स्टाईल में देशद्रोहीयों की खातिरदारी कर रहे है ... इससे अगर कई लोगो के पिछवाडे जलन होती हो ... तो याद रहें .. जलन और ज्यादा बढने वाली है.. "भारतीय सेना" को दुनिया की सबसे "खुंखार" सेना बनाने की दिशा में मिशन शुरु हो चूका है।