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एक ऐसी ट्रेन जिसमे आम नागरिक करते है टिकट चेक

‎  एक ट्रेन ऐसी भी, जहाँ बिना टिकट अगर आप ट्रेन पर चढ़े तो शर्म के मारे टिकट खरीदने पर मजबूर हो जायेंगे। जी हाँ एन एफ रेलवे के कटिहार डिवीजन अंतर्गत कटिहार -मनिहारी ट्रेन में कुछ ऐसा ही है। जहाँ ना पुलिस ना टीटी बल्कि आम नागरिक आपका टिकट चेक करते है, अगर आप बिना टिकट ट्रेन में सवार है तो येहाथ जोड़ कर आपसे टिकट खरीदने की गुहार लगाते है, और बेटिकट यात्री शर्म के मारे टिकट खरीदने पर मजबूर हो जाता है और ऐसा वर्षो से चला आ रहा है, कटिहार जिले के मनिहारी निवाशी अंगद ठाकुर पिछले कई वर्षो से इस रुट पर चलने वाली हर ट्रेन में यात्रियों की टिकट चेक करते और टिकट खरीदने के अनुरोध करते नजर आ जाते है। अगद के इस लगातार प्रयास से रेलवे को खासा फ़ायदा पंहुचा है। एन एफ रेलवे, कटिहार डिवीजन के सीनियर डीसीएम पवन कुमार बताते है कि जब ये ट्रेन चलाई गई थी तब और आजमें टिकट की बिक्री में बढ़ोत्तरी हुई है और इसकी वजह वो अंगद के प्रयास व अंगद द्वारा चलाये जा रहेजागरूकता अभियान को मानते है। अगर इस ट्रेन में मौजूद कोई ऐसा यात्री बेटिकट इन्हें मिल जाता है जिसके पास वाकई पैसा नहीं है और सफ़र करनी मज़बूरी है तो इसके लिए भी अंगद के पास सहायता राशि उपलब्ध है, जो अंगद ने लोगो से चंदा कर एक फंड बनाया है, इस फंड से सहायता लेने की शर्तये है कि जब भी उक्त यात्री के पास पैसा हो तो वो अंगद के सहायता कोस में उसे लौटा दे। 
    लेकिन बेटिकट इस ट्रेन में चलना बिलकुल नामुमकिन सा है, आखिर अंगद ऐसा क्यों करते है ? रेलवे इस इस रूट पर पहले मीटर गेज (छोटी लाइन) की ट्रेन चला करती थी, जिसे ब्रोटगेज (बड़ी लाइन) में परिवर्तित कर ट्रेनों का परिचालन करने की जो तय समय रेलवे ने जनता को दिया था उस समय के दो साल बादइस रूट पर परिचालन शुरू हो पाया, इस दौरान अंगद ने ट्रेनों के परिचालन को लेकर कई आंदोलन किये, इस आंदोलन के दौरान एक रेलवे के अधिकारी ने अंगद से कहा की इस रूट में लोग टिकट लेकर यात्रा नहीं करते है, लिहाजा अभी ट्रेन का परिचालन ट्राइल मुड़ में होगा ठीक-ठाक रेवेन्यू अगर सरकार को आती है तो ट्रेनों की संख्या बढ़ेंगी नहीं तो ये भी बंद कर दीजायेगी, तब से अंगद इस प्रयास की एक मशाल जलाई है जो आज तक रौशन है, अंगद के इस प्रयास से जहाँ एक तरफ रेलवे के रेवेन्यू में बढ़ोत्तरी हुई वही दूसरी तरफ रेलवे ने कटिहार- मनिहारी रूट पर चलने वाली ट्रेनों की संख्या भी बढ़ा दी।