न्यूयॉर्क।। जैसे-जैसे इनसान अपना दायरा बढ़ा रहा, जंगल सिमटते जा रहे हैं।
ताजा अध्ययन में इसको लेकर कई खौफनाक खुलासे हुए हैं। जाहिरतौर पर हम अभी
नहीं जागे, तो पूरी धरती बंजर हो जाएगी।बीते एक दशक में धरती की बंजरता में करीब 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस गति से जंगल उजड़ते रहे तो वर्ष 2100 तक पूरी धरती बंजर हो सकती है और मानव के लिए धरती रहने लायक नहीं रहेगी। वाइल्ड लाइफ सोसाइटी के प्रोफेसर जेम्स वॉटसन के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं ने पाया है कि विश्व के अलग-अलग हिस्सों में बंजर जमीन तेजी से बढ़ी है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, धरती पर बंजरता बढ़ने की दर वैश्विक स्तर पर लगभग समान है। 1993 के बाद से अलास्का द्वीप के दोगुने हिस्से के बराबर जमीन बंजर हो चुकी है। इस हिसाब से धरती पर 30.1 मिलियन वर्ग किलोमीटर धरती अनोपजाऊ हो गई है, जो कुल क्षेत्रफल का 23 फीसदी हिस्सा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 100 साल में धरती का ज्यादातर हिस्सा बंजरता से प्रभावित हो सकता है। अवैध उत्खनन, खेती की जमीन के लिए वनों में जानबूझकर लगाई गई आग और तेल व गैस की खोज भी बर्बादी का कारण बन रही है। रूस के उत्तरी टुंड्रा प्रदेश, सहारा, कनाडा के अमेजन बेसिन और सेंट्रल ऑस्ट्रेलिया में धरती की बंजरता तेजी से बढ़ रही है।
शोधकर्ताओं ने 1990 के बाद के अमेजन के बंजर इलाकों और पश्चिम अफ्रीका, रूस और इंडोनेशिया आदि क्षेत्रों का अध्ययन किया। कुछ वैज्ञानिकों का दावा है कि धरती अपने जन्म के बाद से छठी बार प्रजातियों की विलुप्ति की ओर अग्रसर है। गौरतलब है कि 66 मिलियन वर्ष पहले धरती पर गिरे उल्का पिंडों के कारण डायनासोर का अंत हो गया था।
