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बहुत हो गया ! जनता का सरकार से सिर्फ एक सवाल "अभी हमें कितने हर्षित खोने और बाकि है " ??

बेटे की शहादत पर गर्व है- हर्षित के पिता  
चारो और बस एक ही आवाज़ थी "जबतक सूरज चाँद रहेगा हर्षित तेरा नाम रहेगा"
जाते-जाते देश प्रेम की भावना जगा गए हर्षित  
    बांसवाड़ा।। राजस्थान के बांसवाड़ा के रहने वाले हर्षित भदौरिया एलओसी पर देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए. आज हर्षित को आखिरी विदाई दी  गई. हर्षित मूल रूप से आगरा के रहने वाले थे और राजपूत रेजीमेंट के सिपाई थे.
    हर्षित के पिता राजकुमार भदौरिया राजस्थान के बांसवाड़ा में कपड़ा मिल में काम करते हैं। मां ज्योति सिंह निजी स्कूल में प्रधानाचार्य हैं। हर्षित इनका इकलौता बेटा था। राजकुमार और ज्योति के दो बच्चों में बड़ा हर्षित था। अब उसकी शादी की सोच रहे थे। उसकी छोटी बहन जिज्ञासा बीएड कर रही है. जिस बेटे को पाल पोस कर बढ़ा किया पढ़ाया-लिखाया और देश की सेवा के लायक बनाया, अब उसी की अर्थी को हर्षित के पिता कंधा देंगे. लेकिन इस पिता के जज्बे को भी सलाम है जो दुखों का पहाड़ टूटने के बाद भी कह रहा है कि बेटे की शहादत पर गर्व है.
पाकिस्तानी फायरिंग में शहीद हुए थे हर्षित 
    सेना में गनमैन हर्षित शुक्रवार की रात जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में केरन सेक्टर के पास पाकिस्तान की गोलाबारी में शहीद हो गए थे. हर्षित की उम्र सिर्फ 23 साल थी. हर्षित का परिवार राजस्थान के बांसवाड़ा में ठिकारिया गांव में रहता है. एक महीने पहले ही हर्षित पठानकोट में ट्रेनिंग पूरी करने के बाद कुपवाड़ा में तैनात हुए थे.
23 साल की उम्र में देश के लिए शहीद हुए हर्षित
     जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में पाक सैनिकों की गोलाबारी के दौरान शुक्रवार को बांसवाड़ा का जवान हर्षित भदोरिया शहीद हो गए। उनकी उम्र सिर्फ 23 वर्ष थी और एक माह पहले ही पठानकोट में ट्रेनिंग पूरी कर उन्हें कूपवाडा में पोस्टिंग मिली थी। भदोरिया का परिवार मूलत: उत्तरप्रदेश के आगरा का है लेकिन पिता राजकुमार भदोरिया 1994 से बांसवाड़ा की बांसवाड़ा सिंटेक्स नाम की कपड़ा मिल में कार्यरत हैं।
    शहीद भदोरिया का शव रविवार को उनके पैतृक निवास आगरा लाया गया। शहीद के परिजनों ने बताया कि सीमा पार से चल रही गोलीबारी के दौरान शाम सवा सात बजे भदोरिया के गर्दन पर गोलियां लगी, जिसमें वे शहीद हो गए। पठानकोट में प्रशिक्षण के बाद भदोरिया एक माह पहले ही कुपवाड़ा में तैनात हुए थे।
   हर्षित के पिता का कहना है कि उन्हें गम तो है, लेकिन इस बात का गर्व भी है कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हुआ है। 
         
कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में हुई थी गोलीबारी 
     पाकिस्तान ने शनिवार 12 नवंबर को सीजफायर का उल्लंघन करते हुए कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में गोलीबारी की। पाकिस्तानी सेना की ओर से मशीन गन से फायरिंग की गई और मोर्टार दागे गए। इसमें आगरा के बाह के क्वारी गांव का मूलनिवासी और काफी समय से बांसवाड़ा में ही रह रहे सेना का बहादुर जवान हर्षित सिंह भदौरिया (23) जम्मू कश्मीर में शहीद हो गए। एक अन्य जवान घायल हुआ है।
    भारतीय सेना ने पाक गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया। इससे पहले नौ नवंबर को कुपवाड़ा के ही मच्छेल सेक्टर में पाकिस्तान के स्नाइपर शॉट से जवान सतनाम सिंह शहीद हो गया था। 
      हर्षित 2014 में राजपूत रेजीमेंट में भर्ती हुए थे। पहली पोस्टिंग पंजाब के भटिंडा में हुई थी। इन दिनों कुपवाड़ा में तैनात थे। शुक्रवार की रात कुपवाड़ा के पास पेट्रोलिंग कर रहे थे तभी सीमा पार से मोर्टार से हमला हुआ। इसमें वह वीरगति को प्राप्त हुए। उन्हें क्वारी गांव में लोग मुकेश कहकर बुलाते थे।
हर्षित की कुर्बानी का सरकार को पाकिस्तान से बदला लेना चाहिए   
   उसकी शहादत की खबर आते ही दोनों की आंखों में आंसू आ गए। लेकिन मां-बाप को वतन के लिए बेटे की कुर्बानी का गर्व है। उसके चाचा मनोज का कहना है कि उसकी कुर्बानी का सरकार को पाकिस्तान से बदला लेना चाहिए। उधर हर्षित की शहादत पर उसके गांव क्वारी में शोक की लहर है। परिवार काफी समय से राजस्थान के बासवाड़ा में रहता है। इसलिए पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार वहीं पर किया जाएगा।
     उधर, हर्षित के बलिदान पर क्वारी गॉव निवासी एवं पूर्व सैनिक सेवा संगठन भदावर के प्रान्तीय अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा कि पाकिस्तान कायराना हरकतो से बाज नही आ रहा। उन्होने केन्द्र सरकार से सर्जीकल स्ट्राइक जैसे और कठोर कदम उठाये जाने की मॉग की। हर्षित के चाचा मनोज ने कहा कि हर्षित की कुर्बानी का सरकार पाकिस्तान से बदला ले। उसके किये की सजा पाकिस्तान को मिलनी चाहिए। बता दें कि क्वारी गॉव के कई लोग सेना में है। आज भी सेना युवको की पहली पसन्द है। उधर, हर्षित की शहादत की खबर पाते ही उसके गांव क्वारी के ज्यादातर लोग बासवाड़ा की ओर रवाना हो गये है।
harshit saheed pkg 1411 1हर्षित जाते-जाते देश प्रेम की भावना जगा गए 
      राजपूत रेजीमेंट के सिपाई हर्षित भदौरिया की पार्थिव देह जैसे ही बांसवाड़ा पहुंची वैसे ही चहुओर देशभक्ति के नारो ने लोगो में जहाँ देशप्रेम की भावना जगा दी वही पूरी दुनिया को यह भी दिखा दिया की देश के लिए मर मिटने वाले शहीदों के लिए जनता किस प्रकार अपना अमिट प्रेम और सम्मान न्योछावर कर देती है। 
    शहीद हर्षित की पार्थिव देह की शोभा यात्रा ने सभी धर्मावलंबियों, राजनीतिक पार्टियों, विभिन्न जातियों एवं समाजों को ना केवल एकसूत्र में बांध दिया बल्कि दुश्मन देश पकिस्तान को भी यह बता दिया जहाँ राष्ट्रप्रेम, राष्ट्र के मान सम्मान और रक्षा की बात है तो देश जनता मर मिटने को हर दम तैयार खड़ी है, और यह कह रही है की अभी हमें और कितने हर्षित खोने बाकी है।