राम गोपाल ने इशारा किया कि ये व्यक्ति पार्टी के बाहर का आदमी नहीं है और सारे विवाद की जड़ यही व्यक्ति है। उन्होंने खुलासा किया कि नेताजी ने 1 जनवरी को बैठक बुलाई थी लेकिन इससे पहले 29 को लिस्ट जारी कर दी। बता दें कि इससे पहले छिड़ी जंग में रामगोपाल ने अखिलेश की तरफदारी की थी और मुलायम सिंह को चिट्ठी लिखी थी। इसके बाद उनसे सारे पद छीन लिए गए थे। 11 नवंबर को उन्हें सारे पद वापस मिले हैं।
पार्टी में समझौते की गुंजाइश नहीं : राम गोपाल
7:41 PM
