डीजल-पेट्रोल, बीमा पालिसी, रेल टिकट के लिए कार्ड, आनलाइन भुगतान पर मिलेगी छूट
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डीजल-पेट्रोल, बीमा पालिसी, रेल टिकट के लिए कार्ड, आनलाइन भुगतान पर मिलेगी छूट

    डेबिट, क्रेडिट कार्ड अथवा ऐसे ही किसी अन्य डिजिटल तरीके से आप यदि पेट्रोल, डीजल खरीदते हैं या फिर रेलवे टिकट के लिये भुगतान करते हैं तो आपको कुछ छूट दी जायेगी.
     सरकार ने 2,000 रुपये के लेनदेन का भुगतान कार्ड के जरिये करने पर सेवाकर समाप्त कर दिया है. इसी प्रकार पेट्रोल, डीजल खरीदने पर भुगतान यदि क्रेडिट, डेबिट कार्ड, ई-वॉलेट अथवा मोबाइल वॉलेट से किया जाता है तो 0.75 प्रतिशत की छूट मिलेगी.
    वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नकदीरहित आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये आज कई प्रकार की खरीद फरोखत पर डिजिटल भुगतान करने पर रियायत और सेवा कर में छूट के सरकार के 11 निर्णयों की घोषणा की.
    सार्वजनिक कंपनियों की वेबसाइट के जरिये जीवन बीमा पॉलिसी खरीदने या प्रीमियम भुगतान ऑनलाइन करने पर 8 प्रतिशत छूट दी जायेगी. इसी प्रकार साधारण बीमा पॉलिसी लेने या फिर प्रीमियम भुगतान ऑनलाइन करने पर 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी.
     वित्त मंत्री जेटली ने डिजिटल तरीके से भुगतान को बढ़ावा देने के फैसलों की जानकारी देते हुये कहा कि उपनगरीय रेलवे यात्रा का मासिक अथवा सीजन टिकट खरीदने पर एक जनवरी से 0.5 प्रतिशत रियायत दी जायेगी.
    रेल यात्रा का टिकट ऑनलाइन खरीदने पर 10 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा दिया जायेगा. जो लोग रेलवे कैटरिंग, ठहरने के स्थान, विश्रामगृह के लिये भुगतान डिजिटल तरीकों के जरिये करेंगे उन्हें उसमें पांच प्रतिशत छूट मिलेगी.
     जेटली ने कहा कि सरकारी विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों के साथ सार्वजनिक लेनदेन में डिजिटल तरीकों से भुगतान करने पर लेनदेन शुल्क और एमडीआर शुल्क नहीं लिया जायेगा. इसके साथ ही 2,000 रुपये तक की खरीदारी में क्रेडिट, डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करने पर सेवाकर नहीं लिया जायेगा.
     वित्त मंत्री ने आगे कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात को सुगम बनान के लिये टोल भुगतान के वास्ते आरएफआईडी टैग खरीदने के वास्ते डिजिटल भुगतान पर 10 प्रतिशत छूट दी जायेगी.
     जेटली ने कहा, ''हम लोग जरूरत से ज्यादा लेनदेन नकदी में करते रहे हैं. दूसरी तरफ आठ नवंबर तक बहुत ही कम भुगतान डिजिटल तरीके से किया जाता रहा है.'' उन्होंने कहा कि नकदी में लेनदेन पर लागत आती है जिसकी कीमत अर्थव्यवस्था को चुकानी पड़ती है.




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