रानी पद्मावती के सम्मान में राजपूतों ने संजय लीला भंसाली और उसकी टीम को दौड़ा दौड़ाकर धोया
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रानी पद्मावती के सम्मान में राजपूतों ने संजय लीला भंसाली और उसकी टीम को दौड़ा दौड़ाकर धोया

राजपूतों में आक्रोश - पद्मावती के सम्मान में करणी सैनिक मैदान में
'Padmavati' shoot stalled in Jaipur; activists protest over distorting historical facts
चितौड़गढ की रानी पद्मिनी पर संजय लीला भंसाली द्वारा बनाई जा रही फिल्म "पद्मावती" की जयगढ में चल रही शूटिंग को लेकर समाज में आक्रोश.....
करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने फिल्म के खिलाफ नाराजगी जताते हुए शूटिंग रुकवाई......
हम सभी इस प्रकार की हर एक फिल्म का पुरजोर विरोध करते है जिसमें हमारे इतिहास को तोड़ मरोड़कर पेश किया जाता है.....
     संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' की शूटिंग शुरू भी नहीं हुई है कि इसका विरोध शुरू हो गया है. फिल्म में दीपिका पादुकोण चित्तौड़ के राजा रतनसेन की पत्नी रानी पद्मिनी (पद्मावती) का किरदार निभा रही हैं.
फिल्म में दीपिका के पति की भूमिका में शाहिद कपूर नजर आएंगे. वहीं रणवीर सिंह को अलाऊद्दीन खिलजी के रोल के लिए साइन किया गया है. इस फिल्म का विरोध गुजरात में भी हो रहा है. वहीं, राजस्थान में राजपूत करणी सेना इस फिल्म के सख्त खिलाफ है.
    फिल्म को ऐतिहासिक तथ्यों से तोड़मरोड़ कर रिलीज किया गया तो करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी, ऐसे में कानून और व्यवस्था की समस्या सामने आ सकती है. गलत तथ्यों के साथ अगर ये फिल्म बनती है तो इसे देश के सिनेमाहॉल में चलने नहीं दिया जाएगा. रानी पद्मिनी का नाम राजस्थान के इतिहास में बहुत आदर के साथ लिया जाता है. उन्होंने चित्तौड़ के आत्मसम्मान के लिए 1600 और रानियों के साथ जलते कुंड में कूद कर जान दे दी थी. ऐसा उन्होंने अलाउद्दीन खिलजी के चित्तौड़गढ़ पर हमले के दौरान किया था.
   राजपूत करणी सेना के सदस्यों ने बताया कि भंसाली ने फिल्म के इतिहास को ठीक तरह से नहीं पढ़ा, ऐसे में रानी पद्मिनी की छवि को नुकसान पहुंचने की आशंका है.
    किसी भी फिल्मकार को मनोरंजन के नाम पर इतिहास को नुकसान पहुंचाने का अधिकार नहीं है. इस फिल्म की शूटिंग पहले चित्तौड़गढ़ के ऐतिहासिक किले में होनी थी, लेकिन करनी सेना के विरोध को देखते हुए फिल्म के लिए किले का पूरा सेटअप मुंबई में ही लगाया गया. राजपूत करणी सेना के संभाग प्रभारी भूपेंद्र सिंह राठौड़ का कहना है कि भंसाली की इस फिल्म में रानी पद्मिनी को अलाउदीन खिलजी की प्रेमिका के रूप में बताया जा रहा है जो मेवाड़ के इतिहास को खंडित करने जैसा है.
    इससे पहले संजय लीला भंसाली की फिल्म बाजीराव मस्तानी को भी ऐतिहासिक तथ्यों से तोड़मरोड़ के आरोपों की वजह से ही विरोध का सामना करना पड़ा था.
इसी समूह ने किया था जोधा-अकबर का विरोध
- इसी करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने एकता कपूर के सीरियल जोधा-अकबर का भी भारी विरोध किया था।
- करणी सेना का आरोप था कि सीरियल में भी इतिहास को तोड़-मरोड़ कर जोधा को गलत तरीके से पेश किया गया था।
कौन थी रानी पद्मावती
   रानी पद्मिनी, जिन्हें पद्मावती के नाम से भी जाना जाता है, चित्तौड़ की रानी थी। रानी पद्मिनि के साहस और बलिदान की गौरवगाथा इतिहास में अमर है। सिंहल द्वीप के राजा गंधर्व सेन और रानी चंपावती की बेटी पद्मिनी चित्तौड़ के राजा रतनसिंह के साथ ब्याही गई थी।
     रानी पद्मिनी बहुत खूबसूरत थी और उनकी खूबसूरती पर एक दिन दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी की बुरी नजर पड़ गई। अलाउद्दीन किसी भी कीमत पर रानी पद्मिनी को हासिल करना चाहता था, इसलिए उसने चित्तौड़ पर हमला कर दिया। रानी पद्मिनी ने आग में कूदकर जान दे दी, लेकिन अपनी आन-बान पर आँच नहीं आने दी।
    ईस्वी सन् १३०३ में चित्तौड़ के लूटने वाला अलाउद्दीन खिलजी था जो राजसी सुंदरी रानी पद्मिनी को पाने के लिए लालयित था। उसने दर्पण में रानी की प्रतिबिंब देखा था और उसके सम्मोहित करने वाले सौंदर्य को देखकर अभिभूत हो गया था। लेकिन कुलीन रानी ने लज्जा को बचाने के लिए जौहर करना बेहतर समझा।
भंसाली टीम की करनी सेना ने क्यों की धुनाई
    सुनने में आया है की इसी वीरांगना की वीरगाथा को अपने व्यावसायिक हीत के लिए संजय लीला भंसाली गलत तथ्यों के साथ इतिहास को तोड़ मडोड़कर लोगों के सामने परोसना चाहते हैं।
     राजपूत करणी सेना के लीडर लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा- जिस रानी ने देश और कुल की मर्यादा के लिए 16 हजार रानियों के साथ जौहर कर लिया था, उसे इस फिल्म में खिलजी की प्रेमिका के रूप में दिखाना बेहद आपत्तिजनक है। हमारी संस्कृति पर तमाचा है। संजय लीला भंसाली क्रिएटिविटी के नाम पर अपनी ही संस्कृति इतिहास के साथ कुछ भी कर दें ? पैसे और शोहरत से ऊपर 'स्वाभिमान' होता है।


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