दुनिया में एक देश ऐसा भी है, जहां घरेलू हिंसा को रिवाज माना जाता है। अफ्रीका का नुआकशोत एक ऐसा देश है, जहां पत्नियों की पिटाई गर्व की बात मानी जाती है। यहां की महिलाएं समझती हैं कि अगर उसका पति उसे मारता-पीटता नहीं है तो वो उससे प्यार नहीं करता है. इसी वजह से यहां की ज्यादातर महिलाओं के पैर, हाथ सहित शरीर के दूसरे अंगों में फ्रैक्चर होना आम बात है। हैरत की बात तो ये है कि बाकी देशों की ही तरह यहां की सरकार भी इस परंपरा को बंद करने के लिए कानून बना चुकी है, घरेलू हिंसा के मामलों में पांच साल की सजा का भी प्रावधान है, लेकिन फिर भी यहां की महिलाएं मारपीट का विरोध नहीं करती और पति से पिटने पर गर्व महसूस करती हैं। जानकारों का कहना है कि यहां की महिलाएं तलाक से बचने के लिए पति के जुल्म को सहती हैं. यहां जो भी महिला पिटाई का विरोध करती हैं उसका पति उसे तलाक दे देता है।यहां की महिलाएं पति के हाथ से पिटने पर करती हैं गर्व
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दुनिया में एक देश ऐसा भी है, जहां घरेलू हिंसा को रिवाज माना जाता है। अफ्रीका का नुआकशोत एक ऐसा देश है, जहां पत्नियों की पिटाई गर्व की बात मानी जाती है। यहां की महिलाएं समझती हैं कि अगर उसका पति उसे मारता-पीटता नहीं है तो वो उससे प्यार नहीं करता है. इसी वजह से यहां की ज्यादातर महिलाओं के पैर, हाथ सहित शरीर के दूसरे अंगों में फ्रैक्चर होना आम बात है। हैरत की बात तो ये है कि बाकी देशों की ही तरह यहां की सरकार भी इस परंपरा को बंद करने के लिए कानून बना चुकी है, घरेलू हिंसा के मामलों में पांच साल की सजा का भी प्रावधान है, लेकिन फिर भी यहां की महिलाएं मारपीट का विरोध नहीं करती और पति से पिटने पर गर्व महसूस करती हैं। जानकारों का कहना है कि यहां की महिलाएं तलाक से बचने के लिए पति के जुल्म को सहती हैं. यहां जो भी महिला पिटाई का विरोध करती हैं उसका पति उसे तलाक दे देता है।