सर्वोच्च न्यायालय ने मोदी सरकार को लगाई फटकार
आधार कार्ड को हर जगह पंजीकृत (लिंक) करने के केन्द्र की मोदी सरकार आदेश पर को सर्वोच्च न्यायालय कि पांच सदस्यीय संविधानिक पीठ ने बृहस्पतिवार को खारिज कर करते हुए कहा कि आधार कार्ड हर मर्ज की दवा नहीं हो सकती है, खासकर बैंक से धोखाधड़ी को रोकने में, क्योंकि बैंक को पता होता है कि उसने किसे लोन दिया है। धोखाधड़ी बैंक अधिकारियों की मिलीभगत के बगैर संभव नहीं है। पीठ ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं में तो आधार कार्ड अहम भूमिका निभा सकता है लेकिन बैंक धोखाधड़ी को रोकने में इसकी कोई भूमिका नजर नहीं आती। साथ ही पीठ ने कहा कि सरकार आधार को समाज में असमानता को दूर करने का जरिया बता रही है लेकिन हकीकत यह है कि असमानता बढ़ रही है। सिम कार्ड तक आतंकियों की आसान पहुंच को रोकने के लिए आधार को अनिवार्य बनाने की दलील पर पीठ ने कहा कि आतंकी तो सेटेलाइट फोन का इस्तेमाल करते हैं, फिर इसकी अनिवार्यता क्यों।
आधार कार्ड को हर जगह पंजीकृत (लिंक) करने के केन्द्र की मोदी सरकार आदेश पर को सर्वोच्च न्यायालय कि पांच सदस्यीय संविधानिक पीठ ने बृहस्पतिवार को खारिज कर करते हुए कहा कि आधार कार्ड हर मर्ज की दवा नहीं हो सकती है, खासकर बैंक से धोखाधड़ी को रोकने में, क्योंकि बैंक को पता होता है कि उसने किसे लोन दिया है। धोखाधड़ी बैंक अधिकारियों की मिलीभगत के बगैर संभव नहीं है। पीठ ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं में तो आधार कार्ड अहम भूमिका निभा सकता है लेकिन बैंक धोखाधड़ी को रोकने में इसकी कोई भूमिका नजर नहीं आती। साथ ही पीठ ने कहा कि सरकार आधार को समाज में असमानता को दूर करने का जरिया बता रही है लेकिन हकीकत यह है कि असमानता बढ़ रही है। सिम कार्ड तक आतंकियों की आसान पहुंच को रोकने के लिए आधार को अनिवार्य बनाने की दलील पर पीठ ने कहा कि आतंकी तो सेटेलाइट फोन का इस्तेमाल करते हैं, फिर इसकी अनिवार्यता क्यों।