जब दूल्हे ने मेरी पत्नी ही मेरा दहेज है ऐसा कहकर लौटा दिए 5 लाख और प्लॉट के कागज़ात
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जब दूल्हे ने मेरी पत्नी ही मेरा दहेज है ऐसा कहकर लौटा दिए 5 लाख और प्लॉट के कागज़ात

ससुर ने दिया 5 लाख का चेक और एक प्लॉट, लौटाकर दूल्हा बोला- राजपूत हूं दहेज नहीं, दुआ लेता हूं
    राजपूत समाज के युवक ने शादी में दहेज लेने से इनकार कर दिया। शुक्रवार को हिम्मत सिंह राठौड़ की शादी कालियास गांव के भंवरसिंह चुंडावत की बेटी मनखुश कंवर के साथ हुई।
    दूल्हे हिम्मत सिंह को ससुर भंवर सिंह चुंडावत ने टीके की रस्म में पांच लाख रुपए का चेक व प्लाट की रजिस्ट्री सौंपी। हिम्मत सिंह ने नकदी व रजिस्ट्री हाथ में ली और माथे पर लगाकर ससुर को लौटा दी। दूल्हे ने कहा आपकी लड़की आज से मेरी जिंदगी है और जिंदगी को पैसो से नहीं तौला जा सकता। मेरी पत्नी ही मेरा दहेज है।
  
  दूल्हे ने शगुन के तौर पर ससुर से सिर्फ 11 रुपए व नारियल लिया। दूल्हे ने कहा कि बिन दहेज दुल्हन ले जाएंगे। हिम्मत सिंह अभी रूपपुरा पंचायत में सचिव है। वर्ष 2016 में हिम्मतसिंह का 6 सरकारी नौकरियों में चयन हो गया था। वे अभी गांव के युवाओं को निशुल्क कोचिंग देते हैं। कई युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करा रहे हैं।
     दूल्हे हिम्मतसिंह ने बताया कि दहेज नहीं लेने की प्रेरणा उन्हें दादा तख्त सिंह से मिली। दादा की शादी वर्ष 1962 में हुई थी। उस समय दादा ने भी दहेज नहीं लिया था। उनकी प्रेरणा से हिम्मत सिंह के पिता चतर सिंह राठौड़ ने भी दहेज नहीं लिया था। पिता की शादी वर्ष 1988 में हुई थी। हिम्मतसिंह ने बताया कि दहेज नहीं लेने की परंपरा परिवार में 56 साल से चल रही है। उन्होंने बताया कि यह परंपरा परिवार में आगे भी जारी रखेंगे।
     12 मार्च 2018 को राजपूत समाज के युवक ने भी दहेज नहीं लेकर अच्छी पहल की थी। स्वर्गीय चावंड सिंह के बेटे भवानी प्रताप सिंह के साथ अपनी बेटी भंवर कंवर की सगाई का दस्तूर करने बाड़मेर जिले के असाड़ा से सुरेंद्र सिंह महेची फाकोलिया आए। तिलक दस्तूर में 11 लाख का चेक दूल्हे को दिया।
    दूल्हे ने ससुर का सम्मान करते हुए चेक लिया, लेकिन हाथ जोड़कर कहा कि आप हमें बेटी दे रहे हैं। इससे बड़ा कोई दहेज नहीं है। दूल्हे ने शगुन में सिर्फ एक रुपया व नारियल रखा और 11 लाख रुपए का चेक लौटा दिया था।

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