पापी पेट के लिए बच्ची ने मंदिर की दानपेटी से 250 रुपए चुराए, पुलिस ने भेजा जेल
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पापी पेट के लिए बच्ची ने मंदिर की दानपेटी से 250 रुपए चुराए, पुलिस ने भेजा जेल

मंदिर से लाखों रुपए की चोरी करने वाले बदमाश अब भी हैं फरार 
   सागर/मध्यप्रदेश।। इंसानियत को शर्मशार करने की इससे बड़ी वजह शायद और कोई नहीं होगी. क्योंकि एक तरफ नवरात्रि में देशभर के लोग मिट्टी की मूर्तियों को देवी मानकर पूज रहे हैं. लेकिन उसी देवी के मंदिर से 250 रुपए चुराने के लिए एक कन्या को जेल भेज दिया जाता है. सागर जिले की रहली तहसील के टिकीटोरिया गांव में एक मासूम को पुलिस ने सिर्फ इसलिए गिरफ्तार कर लिया. क्योंकि उसने अपने भाई-बहन की भूख मिटाने के लिए मंदिर की दानपेटी से 250 रुपए निकाल लिए थे. लेकिन इसी मंदिर से लाखों रुपए की चोरी करने वाले बदमाश अब भी हैं फरार है। 
    दो बच्चों की बड़ी बहन, जिसकी उम्र महज 12 साल थी. केवल इसलिए इनसे दूर हो गई क्योंकि उससे अपने भाई-बहन की भूख नहीं देखी गई.
भूख के बदले मासूम को मिली सजा
    मामला नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव की गृह विधानसभा क्षेत्र रहली के टिकीटोरिया गांव का है. जहां एक 12 साल की बच्ची से अपने भाई-बहन की भूख की तड़पन सहन नहीं हुई और उसने गांव के मंदिर से 250 रुपए चुरा लिए. इन पैसों से उसने अपने भाई-बहन की भूख तो मिटा दी. लेकिन 250 रुपए की चोरी इतनी मंहगी पड़ गई वह अपने भाई-बहन से जुदा हो गई. क्योंकि मंदिर की दानपेटी से चुराए पैसों की घटना सीसीटीवी में कैद हो गई और इंसानियत के ठेकेदारों ने इस बच्ची को पुलिस के हवाले कर दिया और पुलिस ने जरा भी संवेदना न दिखाते हुए उसे बाल सुधार गृह शहडोल भेज दिया.
    आरोपी बच्ची का घर के नाम पर टाट-पट्टी का टूटा-फूठा मकान. जिसमें बैठे दो मासूम बच्चे अपनी बड़ी बहन का इंतजार कर रहे हैं. शायद उन्हें यह पता नहीं है कि उनकी बहन ने उनकी भूख की कीमत कितनी बड़ी चुकाई है. ऐसा भी नहीं था कि बच्ची ने चोरी की बता छुपाई हो. जब उसके पिता ने उससे पूछा की चोरी के पैसे कहा है. तो उसने बताया कि 180 रुपए का आटा लिया था. बाकि के पैसे उसके पास हैं. उसने यह गुनाह केवल इसलिए कर दिया क्योंकि उससे अपने भाई बहन की भूख सहन नहीं हुई.
   हालांकि जहा सरकार गरीबों के नाम पर वे जिन योजनाओं से अपनी पीठ थपथापते हैं, तो अगर उनमें वाकई सवेदनाएं बची हैं तो उस परिवार के लिए वो सुविधाए उपलब्ध कराएं. जिससे उनकी दो वक्त की भूख तो कम से कम मिट सके.

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