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उन्होंने कहा कि नर्सों के आरोप लगाने के बाद इस पूरे मामले की जानकारी जिला प्रशासन को दी गई. इसके बाद डीएसपी प्रभाकर तिवारी के नेतृत्व में पुलिस टीम सदर अस्पताल पहुंची और मामले की तफ्तीश शुरू कर दी. नर्सों ने बताया कि वार्ड में भर्ती जमात के लोग उनकी तस्वीरें खींचकर मीडिया में वायरल करने की लगातार ध/मकियां दे रहे थे.
पुलिस ने जांच के दौरान तीनों जमात के लोगों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए और उन्हें चेताया कि अगर दोबारा उन लोगों ने इस तरीके की बदतमीजी की तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा. सदर अस्पताल प्रबंधक ने बताया कि पुलिस के जांच के दौरान तीनों जमातियों ने अपनी भूल को स्वीकार किया और फिर दोबारा ऐसी गलती नहीं करने की बात कही है. हालांकि, सहरसा सदर अस्पताल में भर्ती तीनों जमात के लोगों का मंगलवार को कोरोना वायरस टेस्ट नेगेटिव आने के बाद उन लोगों की छुट्टी कर दी गई है.