कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव को लेकर गया नगर निगम के कर्मचारी लगातार शहर के विभिन्न क्षेत्रों में साफ-सफाई एवं केमिकल का छिड़काव कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ से बुधवार को मेयर, डिप्टी मेयर के द्वारा पूरे शहर को ड्रोन (Drone) से सैनेटाइज (Sanitize) करने का काम शुरू किया गया.
स्टेशन रोड से हुई शुरुआत
शहर के स्टेशन रोड स्थित नगर निगम के स्टोर से इसकी शुरुआत की गई, जहां मेयर गणेश पासवान, डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव, नगर आयुक्त सावन कुमार एवं अन्य पदाधिकारियों की मौजूदगी में ड्रोन उड़ाया गया और ड्रोन से सेनेटाइजिंग के काम की शुरुआत की गई.
डिप्टी मेयर ने कही ये बात
इस मौके पर मेयर गणेश पासवान और डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि नगर निगम के द्वारा ड्रोन के माध्यम से सैनेटाइजिंग की व्यवस्था की गई है. दो ड्रोन के द्वारा पूरे शहर को सेनेटाइज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अब तक गया में कोरोना के कुल 5 पॉजेटिव मरीज मिल चुके हैं. ऐसे में प्राथमिकता के आधार पर जिन क्षेत्रों से पॉजेटिव मरीज मिले हैं, उन क्षेत्रों को पहले सैनेटाइज किया जाएगा.
बता दें कि गुरुद्वारा रोड, पहाड़पुर मोहल्ले को प्रथम चरण में ड्रोन द्वारा सैनेटाइज किया जा रहा है. इसके अलावा शहर के अन्य क्षेत्रों में भी ड्रोन से सैनेटाइजिंग की जाएगी. ताकि जो लोग छतों और गलियों में रह रहे हैं, उनके ऊपर भी दवाओं का छिड़काव हो सके.
उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी से बचाव को लेकर नगर निगम पूरी तरह से मुस्तैद है और बेहतर क्वालिटी के केमिकल का छिड़काव ड्रोन के माध्यम से किया जा रहा है.लगभग 15 दिनों तक ड्रोन के माध्यम से पूरे शहर में सैनेटाइजिंग की व्यवस्था की गई है.
ड्रोन ऑपरेटर ने बताया
वही ड्रोन ऑपरेटर कुमार कन्हैया ने बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका उद्घाटन मोकामा में जल जीवन हरियाली कार्यक्रम में किया था. डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव की ये सराहनीय पहल है कि इस नई तकनीक के जरिये उन्होंने सैनेटाइजिंग की शुरुआत करवाई.
उन्होंने बताया कि हमलोग पहले से दिल्ली, इंदौर मुम्बई में भी सैनेटाइजिंग का काम कर रहे हैं, लेकिन बिहार में गया नगर निगम पहला है जहां हम सैनेटाइजिंग का काम ड्रोन के माध्यम से कर रहे हैं. अभी धीरे-धीरे हम लोग बिहार के और भी शहरों में करेंगे.
मेड इन इंडिया
ड्रोन ऑपरेटर ने बताया कि इस मशीन की कपेसिटी 10 लीटर का एक टाइम में है अगर 1 एकड़ खेत में किया जाए तो 10 लीटर तक कर सकता है. यह ड्रोन ढाई घंटे तक फ्लाई कर सकता है, सबसे बड़ी बात यह कि यह मेड इन चाइना या जापान नहीं बल्कि मेड इन इंडिया है. सबसे बड़े यह बात है कि यह कंपनी, देवेश रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड बिहार से रजिस्टर्ड है.
गया में 5 कोरोना पॉजिटिव मामले
बता दें कि गया जिले में कोरोना के पांच पॉजेटिव मामले आए हैं जिनमें गुरुद्वारा रोड के दंपति और पहाड़पुर के एक ही परिवार के 3 लोग शामिल हैं. जबकि 17 लोग अभी भी अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में हैं.