
34 वर्षीय एक युवक लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में फंस गया था, जिसके बाद वह सड़क के रास्ते दिल्ली से गोंडा अपने घर जा रहा था। रास्ते में ही उसका एक्सीडेंट हो गया और उसके सिर में गहरी चोट लग गई। युवक को गंभीर हालत में लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल लाया गया था। जहां युवक का कोविड टेस्ट भी किया गया था। टेस्ट में युवक की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। इलाज के दौरान डॉक्टरों को यह भी पता चला कि युवक एचआईवी और एड्स से भी संक्रमित है। एचआईवी पीड़ित होने के बावजूद डॉक्टरों की मेहनत से मरीज 6 दिन में ही संक्रमण से ठीक हो गया।
जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति एमएलबी भट्ट बताते हैं कि युवक का जब इलाज होना था तब युवक पहले से ही एचआईवी वायरस से जूझ रहा था। उसका एड्स का इलाज चल रहा था और हेड में भी इंजरी थी। हेड में इंजरी होने के कारण युवक अबनॉर्मल बिहेव करता था और भागने का प्रयास करता रहता था। युवक को अपने ऊपर कंट्रोल नहीं था। एड्स जैसी बीमारी में मरीज का इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो जाता है, लेकिन हमारे डॉक्टरों के प्रयास से तीन समस्याओं से जूझ रहे मरीज को ठीक किया गया।
एचआइवी पीड़ित मरीज के ठीक होने पर डॉक्टर खुश होने के साथ ही हैरान भी थे, क्योंकि सामान्य तौर पर एचआईवी पीड़ित की इम्युनिटी बेहद कमजोर होती है, जबकि कोरोना से जंग में इम्युनिटी का बेहद अहम रोल होता है। कहा जाता रहा है कि जिनकी इम्युनिटी मजबूत है वे कोरोना से जंग जीत रहे हैं। लेकिन, इस मरीज ने कोरोना से लड़ाई जीती, जो कि दूसरे मरीजों का हौसला बढ़ाएगा।