क्या ताम्बे का दरवाजा रोक देगा कोरोना ?

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    कोरोना वायरस ने दुनिया को तबाह कर दिया है। इस वायरस का इलाज ढूंढने में दुनिया के कई देश लगे हुए हैं। लेकिन अभी तक इसका कोई इलाज नहीं मिला है। लेकिन एक रिसर्च में ये बात कंफर्म हो गई है कि तांबे में कोरोना को हारने की काफी क्षमता है। जहां स्टील और प्लास्टिक में कोरोना लंबे समय तक जिंदा रहता है, वहीं तांबे पर कोरोना का असर काफी कम समय तक चलता है। रिसर्च में पता चला कि तांबे में कोरोना को मारने की काफी ताकत होती है। इस कारण अब कई देशों में लोग स्टील की जगह दरवाजों और रेलिंग्स में तांबे का इस्तेमाल कर रहे। 
     रिसर्च में सामने आया कि कोरोना जैसा जानलेवा वायरस स्टील पर तीन दिन तक जिंदा रहता है। प्रोफ़ेसर विलियम कीविल ने बताया कि तांबे पर कोरोना मात्र 4 घंटे ही जी पाता है। तांबे में कई एंटी बैक्टेरियल प्रॉपर्टीज होते हैं। ऐसे में वो कोरोना को जल्द मार देते हैं। इस रिसर्च के सामने आने के बाद अब विदेशों में भी कई जगह दरवाजों और रेलिंग्स में तांबे लगाए गए हैं। 
    ब्रिटिश साइंटिस्ट्स के मुताबिक, प्लास्टिक और स्टील पर कोरोना तीन दिन तक जिंदा रहता है। लेकिन कॉपर यानी तांबे पर ये मात्र 4 घंटे टिक पाता है। बता दें कि कोरोना किसी मेटल पर जिन्दा हो, और जब उसे दूसरे लोग छूते हैं, तो वायरस उसतक भी चला जाता है। इसलिए प्रपोजल दिया गया है कि मॉल्स में ट्राली के हैंडल तांबे के होने चाहिए। ताकि कम समय में ही कोरोना खत्म हो जाए. 
    यूके के इस साइंटिस्ट ने बताया कि लोगों को घरों के दरवाजों के हैंडल, शॉपिंग ट्रॉली और जिम के इक्विपमेंट्स भी कॉपर से कवर कर देना चाहिए। इससे कोरोना जल्दी मर जाएगा और वायरस को फैलने से रोका जा सकेगा।

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