क्या आपको पता है बोरोलिन का निर्माण अंग्रेजों को उनके विदेशी प्रोडक्ट्स का बॉयकॉट करने और मुंह तोड़ जवाब देने के लिए किया गया था। देश के बहुत सारे परिवारों में बरसों से बोरोलिन क्रीम ड्रेसिंग टेबल, दराज, अलमारी की शोभा बढ़ा रही है.
1929 में गौर मोहन दत्त की जी. डी. फ़ार्मास्युटिकल्स (G.D Pharmaceuticals Pvt Ltd) ने बोरोलिन का उत्पादन शुरू किया. ये क्रीम कोई प्रसाधन सामग्री नहीं थी बल्कि विदेशी सामान के विरोध में हिन्दुस्तान में एक हिन्दुस्तानी की बनाई हुई क्रीम थी.
1947 तक आते आते इसका प्रयोग जवाहर लाल नेहरु जी तक करने लगे थे इसके गुणों के कारण। 15 th August, 1947 को इसको 1 लाख लोगों में मुफ्त में बांटा गया था देश में। कश्मीर के लोग इसको रूखी त्वचा के लिए इस्तेमाल करने लगे थे। और वाकई यह एंटीसेप्टिक क्रीम रूखी त्वचा, क्रैक्ड लिप्स, कटी फटी त्वचा के लिए वरदान साबित हुई।
इसका निर्माण जिंक ऑक्साइड,बोरिक एसिड, ओलियम,पैराफिन, परफ्यूम इत्यादि तत्वों को मिला के किया जाता है और आज भी यह आम लोगों के लिए ये शरद ऋतु में वरदान साबित होती है।