काजू का भी एक प्रकार का पेड़ है जिसका फल सूखे मेवे के लिए बहुत लोकप्रिय है। काजू का आयात निर्यात एक बड़ा व्यापार भी है। काजू से अनेक प्रकार की मिठाईयाँ और मदिरा भी बनाई जाती है। काजू का पेड़ तेजी से बढ़ने वाला उष्णकटिबंधीय पेड़ है, जो काजू और काजू का बीज पैदा करता है। काजू की उत्पत्ति ब्राजील से हुई है।
कहते हैं काजू के पेड़ को गोवा में पुर्तगीज़ लेकर आए थे। इन दिनों काजू में बौर आए हुए हैं। आगामी दो महीनों में इस पर फल भी आ जाएंगे। अध्ययनों से पता चलता है कि काजू का सेवन उन लोगों के लिए विशेष फायदोमंद हो सकता है जो वजन कम करने की कोशिशों में लगे हुए हैं। साल 2017 में जर्नल न्यूट्रिएंट्स में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, काजू में प्रोटीन और फाइबर की मात्रा पाचन स्वास्थ्य में सुधार करने के साथ भूख को कम कर सकी है। इस प्रकार से लोगों के कैलोरी की खपत कम हो जाती है जो वजन कम करने में सहायक मानी जाती है।
काजू में पाए जाने वाले मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड, एलडीएल (बैड) कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने में सहायक हो सकते हैं। इससे कई तरह के हृदय रोग, स्ट्रोक और दिल के दौरा पड़ने का जोखिम कम हो सकता है। ब्रिटिश जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार काजू जैसे नट्स का सेवन करने वाले लोगों में अन्य लोगों की तुलना में हृदय रोगों के विकसित होने का खतरा 37 प्रतिशत तक कम हो सकता है।
काजू उन खाद्य स्रोतों में से एक है जिनमें कॉपर की मात्रा अधिक होती है। करीब 28 ग्राम काजू में 622 माइक्रोग्राम कॉपर होता है। शरीर में इस पोषक तत्व की कमी हड्डियों के घनत्व में कमी और ऑस्टियोपोरोसिस जैसे गंभीर रोगों के जोखिम को बढ़ा सकती है। 18 वर्ष से अधिक आयु के वयस्कों के लिए, प्रतिदिन 900 माइक्रोग्राम कॉपर की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, कॉपर हमारे शरीर के प्रमुख संरचनात्मक घटकों, कोलेजन और इलास्टिन के रखरखाव में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। काजू का सेवन इस महत्वपूर्ण पोषक तत्व की आसानी से पूर्ति कर सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक टाइप-2 डायबिटीज के शिकार लोगों को अपने आहार में काजू को शामिल करने से लाभ हो सकता है। काजू फाइबर का एक अच्छा स्रोत है, यह पोषक तत्व ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ने से रोकने में सहायक है। एक अध्ययन में पाया गया कि काजू का सेवन करने वालो में ब्लड शुगर को बढ़ाने वाले कारक कम पाए गए। काजू में फाइबर की मौजूदगी इसे मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद बनाती है।