तीस्ता का परिचय क्या है? इनके पास धन-सम्पदा का भंडार कैसे लगा? ऐसा क्या काम किया था? तीस्ता सीतलवाड़ बहुचर्चित मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधे टक्कर ले रही हैं। तीस्ता सीतलवाड़ खानदानी रईस हैं, जिस बंगले की चर्चा सोशल मीडिया पर चल रही है, "निरांत" नामक बंगला तीस्ता सीतलवाड़ के दादा मोतीलाल सीतलवाड़ ने 1933 में खरीदा था।
तीस्ता के खानदान का संक्षिप्त इतिहास-
परदादा चिमनलाल सीतलवाड़ : बांबे हाईकोर्ट के बड़े वकील और बांबे यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर। ये हंटर कमीशन के सदस्य भी थे।
दादा मोतीलाल सीतलवाड़ : भारत के पहले एटार्नी जनरल, प्रथम ला कमीशन और बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन थे।
पिता अतुल सीतलवाड़ : बांबे हाईकोर्ट के बड़े वकील
पति जावेद आनंद : वकील, पत्रकार, मानवाधिकार कार्यकर्ता
जिस खानदान के लोग इतने पढ़े-लिखे हों और सरकार में गहरी पैठ रखते हों क्या उनके पास प्रापर्टी नहीं होगी? हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के बहुत से वकील पाश इलाके में करोड़ों का घर और बंगला ले रहे हैं इसमें कोई नई बात नहीं है।
तीस्ता सीतलवाड़ का काम : 2002 के गुजरात दंगों के बाद तीस्ता सीतलवाड़ चर्चा में आई थीं। तीस्ता तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकारी अधिकारियों को दंगों का जिम्मेदार बताते हुए कोर्ट चली गई। कोर्ट से इन्होंने मोदी और अधिकारियों पर आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की। फिलहाल मोदी जी को कोर्ट ने क्लीन चिट दे दी है और तीस्ता सीतलवाड़ के बुरे दिन शुरू हो चुके हैं।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने तीस्ता सीतलवाड़ का नाम इंटरव्यू में लिया और मात्र 40 मिनट के अंदर गुजरात एटीएस ने तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तार कर लिया। एटीएस जब तीस्ता सीतलवाड़ के घर पहुंची तब वे बाथरूम में घुस गई, तब महिला पुलिसकर्मी ने उन्हें वहां से निकाल कर गिरफ्तार किया।
तीस्ता पर आरोप : एनजीओ के माध्यम से धन का दुरुपयोग, धोखाधड़ी, विदेशी मुद्रा कानून का उल्लघंन, एफसीआरए का उल्लघंन आदि गंभीर आरोप तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति जावेद पर लगे हैं।