चुनाव आते ही भाजपा को क्यों याद आने लगे बिरसा मुंडा?
बांसवाड़ा/राजस्थान।। सोशल मिडिया पर भारतीय ट्रायबल पार्टी बिटीपी ने भाजपा से गठबंधन को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि किसी भी हाल में बीटीपी भाजपा से गठबंधन नहीं करेगी और पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी।
इन दिनों सोशल मीडिया पर भारतीय ट्रायबल पार्टी बिटीपी के सुप्रीमो छोटु भाई वसावा के फोटो को लगाकर भाजपा के साथ गठबंधन करने को लेकर जब बीटीपी सुप्रीमो माननीय छोटू भाई वसावा के नाम पर टीवी स्क्रीन का फोटो लेकर कई दिनों से मीडिया एवं सोशल मीडिया में भाजपा के साथ गठबंधन करने का एक मैसेज अफवाह की तरह फैलाया जा रहा है। बीटीपी का कहना है कि बीजेपी की आईटी सेल छोटू भाई वसावा को लेकर अफवाह फैलाने में लगी है जो सरासर गलत है। बीटीपी का कहना हैं कि छोटू भाई वसावा ने कभी भाजपा से गठबंधन नहीं किया है और ना ही अब करेंगे क्योंकि, उनके सिद्धांत और विचार भाजपा के साथ मेल नहीं खाते उनकी लड़ाई इस मुल्क में दबे, कुचले, शोषित, पीड़ित और पिछड़े वर्ग के लिए हैं, जिसमें एसटी-एससी, ओबीसी और पिछड़ा वर्ग आता है। उनके जीवन का आज तक का सफर उनके संवैधानिक अधिकारों और पांचवी छठी अनुसूची, पेसा एक्ट, भील प्रदेश लागू करवाने के लिए तथा वर्तमान समय में उनके साथ हो रहे अन्याय, अत्याचार और शोषण के खिलाफ लड़ाई है। इस बारें में छोटु भाई वासावा कहना है कि यह कोरी अफवाह है।
वहीं भारतीय ट्रायबल पार्टी बिटीपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विजय भाई मईडा ने बताया कि बीटीपी सुप्रीम छोटू भाई वसावा की टीवी फोटो स्क्रीन लेकर गलत समाचार वायरल किया जा रहा है, वह सरासर गलत है एकमात्र अफवाह है। मईड़ा ने इसे भाजपा के लोगों की सोची समझी साजिश बताया है, उनका मुख्य उद्देश्य बीटीपी के बढ़ते जनाधार को डैमेज करना है। छोटू भाई वसावा के विचार व सिद्धांत बीजेपी से मेल नहीं खाते है, जिससे गठबंधन करने का तो कोई सवाल ही नहीं है।
बिरसा मुंडा जंयती पर भारतिय ट्रायबल पार्टी बिटीपी का भाजपा पर तंज
बांसवाड़ा/राजस्थान।। कई वर्षो से सत्ता का सुख भोगने वाली पार्टियों पहले गरीब आदिवासियों की याद क्यों नहीं आई? जैसे शब्दों के शूल बाणो से भारतीय ट्रायबल पार्टी बिटीपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विजय भाई मईडा ने कहा कि राजस्थान में बिरसा मुंडा जयंती के उपरांत भाजपा द्वारा राजस्थान के बांसवाड़ा जिले मे बिरसा मुंडा जनजाति गौरव यात्रा निकाली जा रही है। मईड़ा ने कहा कि वह उनसे पूछना चाहता है की आजादी के 75 वर्ष बाद भाजपा को बिरसा मुंडा क्यों याद आए?
मईड़ा ने बताया कि आदिवासियों के भगवान बिरसा मुंडा ने अपनी लड़ाई आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए लड़ी थी। भाजपा को गौरव यात्रा में आदिवासियों के संवैधानिक अधिकार, पांचवी अनुसूची, पेसा एक्ट, जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण और भील प्रदेश की करनी चाहिए तथा वर्तमान समय में उनके साथ हो रहे अन्याय, अत्याचार और शोषण के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। लेकिन उनको आदिवासियों का वोट बैंक अपने हाथ से निकलता हुआ देखकर उन्होंने गौरव यात्रा निकाली, ताकि आदिवासियों को साधा जा सके, लेकिन यह अब संभव नहीं है।
मईड़ा ने कहा कि आज का युवा सचेत हो चुका है, वह संवैधानिक अधिकारों के लिए अपनी लड़ाई लड़ रहा है। भाजपा-कांग्रेस ने हमेशा आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के साथ खिलवाड़ किया है। अगर उन्हें आदिवासियों के प्रति हमदर्दी होती तो कब से उनके संवैधानिक अधिकार लागू हो जाते इसलिए आज का युवा समझ चुका है, जिसका करारा जवाब आने वाले समय में भाजपा और कांग्रेस को मिलेगा।