अयोध्या आंदोलन की कहानी, कार सेवकों की जुबानी
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अयोध्या आंदोलन की कहानी, कार सेवकों की जुबानी

  अयोध्या में रामलाल प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की कहानी कार सेवकों की जुबानी
  बांसवाड़ा/राजस्थान।। देश का हर शहर अब राममय हो चला है क्योंकि अयोध्या में आगामी 22 जनवरी को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का उल्लास देश विदेश में छाया हुआ है। राम की भक्ति में जहा देशभर में उत्साह देखा जा रहा है वही ग्रामीण अंचल पर भी इसका खासा उत्साह ओर प्रभाव देखा जा रहा है। 
  वही आज जब अयोध्या में कारसेवको द्वारा उस समय किये गए आंदोलन की बात करते है तो उनकी यादों में छुपी कई बातें जीवंत हो उठती है। आज हम राजस्थान के बांसवाड़ा संभाग के कुशलगढ़ तहसील के खेड़ा धरती घाट क्षेत्र के ग्रामीण अंचल मोकमपुरा से रामलाल प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव ऐतिहासिक यादों को लेकर आपने सामने है। 
   32 साल पहले जब कार सेवा हुई तब मोकमपुरा से दो बार कार सेवकों का एक जत्था यहां से अयोध्या के लिए रवाना हुआ था, उन कार सेवकों ने अयोध्या की कहानी को कार सेवक राजेश उर्फ बापू सोनी ने हमारे साथ साँझा करते हुए बताया कि 1990 में श्री हीरा सिंह राठौर, भूपत सिंह, भूपेंद्र सिंह, मंगल सिंह, हवसिंग डामोर, महेश जी भाई, नरसिंह सोलंकी, शंकर लाल पांचाल, टोडरमल पडियार कार सेवा में उनके साथ थे, वही 6 दिसंबर 1999 को रितेश राठौर, स्वर्गीय नानालाल नकुम, राजेश पांचाल, कोडर सिंह सोलंकी, दशरथ राठौर, नारायण सिंह रोड, शंकर जी राठौड़आदि दो पारियों में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के लिए कार सेवा हेतु अलग-अलग रवाना हुए थे। आज 32 वर्ष बाद कार सेवकों द्वारा उस समय की गए अथक प्रयासों का परिणाम है कि आज यह स्वर्णिम अवसर कार सेवकों के लिए खुशियों का पैगाम लेकर आया है। 
  कार सेवकों ने बताया कि जब वह भगवान श्री रामलला की जन्मस्थली अयोध्या में कार सेवा कर पहुंचे तो उन पर काफी जुल्म ढाए गए, लेकिन उन्होंने भगवान में आस्था रखते हुए उन ज़ुल्मों को सहकर प्रभु श्रीराम में आस्था दिखाई ओर अंततः आज वह अपनी उस कठोर साधना में श्रीराम के आशीर्वाद से सफल हुए। 

  कार सेवको का कहना है कि आज 32 साल बाद यह स्वर्णिम अवसर हमारे लिए आया है, जिससे सभी अपने आप को खुशनसीब ओर भाग्यशाली समझते हैं।
  कार सेवकों ने बताया कि हमने अगले जन्म में कोई पुण्य कार्य किए थे, तभी हमें अयोध्या में कार सेवा में जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था, हमारा सपना था की एक दिन भगवान श्री राम का भव्य मंदिर बनेगा व मर्यादा पुरुषोत्तम दशरथ नंदन भगवान श्री राम अयोध्या में विराजित हो जाएंगे।
 
   आज पुरे देश के लिए सौभाग्य की घड़ी है कि आज हमारे राम अयोध्या में बनाए गए भव्य मंदिर में विराजित होने जा रहे हैं, भगवान श्री राम को हम नतमस्तक करते हैं हमारा सपना आज सरकार होने जा रहा है।

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