मनमोहन सरकार ने किया था कैंसिल, मोदी सरकार चुकाएगी भारी जुर्माना......... दुनिया में अपनी धाक जमाने में लगे भारत के लिए एक बुरी खबर है। भारत एक ऐसा केस हार गया है, जिससे उसे 67 अरब रुपए का भारी नुकसान हो सकता है। दरअसल, भारत दो सैटलाइट्स और स्पेक्ट्रम वाली डील कैंसल करने से जुड़ा केस अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में हार गया है। इस केस को हारने के बाद भारत में निवेश के प्रति जो छवि लोगों की बनी है उसमें धक्का लग सकता है।
मामला इंडियन स्पेस एण्ड रिसर्च ऑर्गनाइजेशन 'इसरो' से जुड़ा हुआ है। इसरो के तहत काम करने वाली अंतरिक्ष ने एस बैंड स्पैक्ट्रम के तहत दो लंबी दूरी के सैटेलाइट को लॉन्च करने का करार किया था, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया। सुनवाई के दौरान ट्रिब्यूनल ने पाया कि सरकार ने इस मामले में गलत तरीके से काम किया, जिससे देवास मल्टीमीडिया के निवेशकों को काफी घाटा उठाना पड़ा।
हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने देवास मल्टीमीडिया द्वारा भारत सरकार के खिलाफ दायर केस में भारत सरकार को दोषी पाया गया है। इसरो के लिए व्यवसायिक सौदे करने वाली कंपनी अतंरिक्ष ने साल 2005 में ये सौदा रद्द किया था। जून 2011 में देवास मल्टीमीडिया ने इंटरनेशनल कोर्ट में केस फाइल कर मुआवजा की मांग की थी।
मंगलवार को हेग इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल ने भारत के खिलाफ फैसला सुनाया। डील के मुताबिक अंतरिक्ष एस बैंड स्पेक्ट्रम में लंबी अवधि के दो सैटलाइट्स ऑपरेट करने पर राजी हो गया था। लेकिन बाद में उसने डील कैंसल कर दी। ट्रिब्यूनल ने कहा कि डील कैंसल कर सरकार ने उचित नहीं किया जिससे देवास मल्टिमीडिया के निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ।
