एयर इंडिया में मुफ्त में खूब उड़े वीवीआईपी, उधार बाकि है 1147 करोड़ रूपया का किराया
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एयर इंडिया में मुफ्त में खूब उड़े वीवीआईपी, उधार बाकि है 1147 करोड़ रूपया का किराया

     कर्ज के बोझ दले दबी और गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रही सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया का सरकार उधार नहीं चुका रही है। वीवीआईपी चार्टर फ्लाइट्स के किराये के रूप में सरकार को 1146.86 करोड़ रुपया चुकाना है। हैरानी की बात यह है कि कई बिल एक दशक से पेंडिंग है। एक साल में इसमें तीन गुना इजाफा हो चुका है। कंपनी ने आरटीआई आवेदन के जवाब में चौंकाने वाली जानकारियां दी हैं।
    कोमोडोर लोकेश बत्रा (रिटायर्ड) के आवदेन पर एयर इंडिया ने बताया कि रक्षा मंत्रालय पर 211.17 करोड़, कैबिनेट सचिवालय और पीएमओ पर 543.18 करोड़ और विदेश मंत्रालय पर 392.33 करोड़ रुपये उधार है।
     राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति की यात्रा और बचाव कार्यों में लगाए गए फ्लाइट्स के कई बिल तो 10 साल पुराने हैं। मार्च में एयर इंडिया ने बताया था कि 31 जनवरी तक 325 करोड़ रुपये बकाया थे, जोकि अब 1146.86 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
    राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत अति विशिष्ट लोगों के लिए एयर इंडिया चार्टर्ड एयरक्राफ्ट उपलब्ध कराता है। इसके लिए जरूरत के मुताबिक कमर्शल जेट्स को सुइट में बदला जाता है।
    इन विमानों का किराया रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, पीएमओ और कैबिनेट सचिवालय के कोष से चुकाया जाता है। पेंडिंग बिल्स का मुद्दा 2016 में कैग ने भी उठाया था।

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