![](https://scontent-bom1-1.xx.fbcdn.net/v/t1.0-0/p526x296/44079453_893943354144063_3901603615160139776_n.jpg?_nc_cat=105&oh=37708762474d6cb5b3ffd3e617921660&oe=5C4B7A2B)
लोगों के घरों में बाहर लगे इन बैनरों में साफ-साफ शब्दों में लिखा है कि वे चुनाव में नोटा का इस्तेमाल करेंगे। साथ ही, लोगों ने सामान्य वर्ग के सभी लोगों से आगामी चुनाव में नोटा का इस्तेमाल करने की अपील भी की है। नोटा का मतलब होता है कि किसी भी दल को वोट न देना यानी किसी भी पार्टी के उम्मीदवार पर भरोसा न होना।
भोपाल में स्थानीय लोगों का कहना है, 'एससी/एसटी आरक्षण को खत्म कर देना चाहिए। यह सामान्य वर्ग को बड़े पैमाने पर प्रभावित कर रहा है। यदि यह जारी रहता है तो हम आगामी चुनावों में निश्चित रूप से नोटा के लिए वोट देंगे।'
गौरतलब है कि 29 नवंबर को मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा। ऐसे में सामान्य वर्ग की नाराजगी चुनाव परिणामों पर बड़ा असर डाल सकती है। सामान्य वर्ग आरक्षण के विरोध में है, उनका कहना है कि आरक्षण के कारण सामान्य वर्ग की स्थिति खराब होती जा रही है। सवर्ण जाति के लोगों की मांग है कि आरक्षण व्यवस्था को आर्थिक आधार पर ही समाज में लागू कराया जाए।