एमआरपी से महंगा सामान बेचा, तो लॉकडाउन के बाद 15 दिनों तक सील रहेगी दुकान

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   दुर्ग/भिलाई।। अक्सर देखा गया है की कुछ लोग आपदा को भी अपना अवसर में भुनाने में लगे रहते है, ऐसे लोगो से आप सद्भावना और ईमानदारी की आस करना भी बेमानी से बात होती है। हालंकि प्रशासन में बैठे अधिकारीयों की भी यह जवाबदारी बनती है की कोरोना जैसी इस वैश्विक आपदा में लोगो को कोई लूट ना सके। अपनी जागरूकता का परिचय देते हुए दुर्ग जिले में 6 अप्रैल से होने वाले लॉकडाउन के चलते बाजार में कालाबाजारी की स्थिति न हो, इसके लिए कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के निर्देश पर दुर्ग एसडीएम विनय पोयाम ने व्यापारिक संघ के प्रतिनिधियों के साथ बैठक ली है. बैठक में एसडीएम ने कहा कि लॉकडाउन 6 से 14 अप्रैल तक लगाया गया है. लोग एक सप्ताह के लिए जरूरतों का सामान खरीदेंगे.  
    इसमें व्यवस्था बनाने की जरूरत है. ताकि लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए जरूरत का सामान खरीदें. तय दर से अधिक मात्रा में सामग्री खरीदने वाले उपभोक्ता से इसका कारण पूछें और वास्तविक आवश्यकता होने पर इसे बेचें अन्यथा कालाबाजारी की स्थिति होगी.
    एसडीएम ने बैठक में कहा कि खाद्य विभाग की टीम नियमित रूप से बाजार की मॉनिटरिंग करेगी और औचक रूप से जाँच करेगी. इसके साथ ही अधिक दाम पर चीजें बेचे जाने की शिकायत मिलने पर भी मौके पर पहुँचकर कार्रवाई करेगी. एसडीएम ने कहा कि दुकानों में सघन जाँच और मॉनिटरिंग की जाएगी. यदि एमआरपी से अधिक में बेचे जाने की शिकायत मिलती है, तो दुकान को लॉकडाउन के बाद 15 दिनों तक सील की जाएगी.
   इस बैठक में खाद्य नियंत्रक दीपांकर भी उपस्थित थे. उन्होंने बताया कि खाद्य विभाग ने पूरे जिले में सघन मॉनिटरिंग के लिए दस्ता बनाया है. एमआरपी से अधिक कीमत में सामान बेचने की शिकायत खाद्य विभाग के अधिकारियों से कर सकते हैं.

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