गाड़ियों के टायर में नाइट्रोजन भरने से क्या होगा?

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जानिए हवा या नाइट्रोजन गैस दोनो में टायर के लिए क्या है बेहतर
    गर्मियों का मैसम चल रहा है, चिलचिलाती धुप में हर चीज जल्दी ही गर्म हो जाती है। जिन सड़कों पर हमारी फर्राटे दार गाड़ियां भागती है वे भी तेज़ धुप में शोले उगलने लगती है। गर्मियों के दिनों में सड़कें गर्म होने के कारण एक जवालामुखी की भांति काम करती है इस वजह से अक्सर कई गाड़ियों के टायर के फटने की समस्या इन दिनों में कुछ ज्यादा ही देखने को मिलती है। यहाँ तक की गर्मी के मौसम में टायर के फटने और पंचर होने की संभावनाएं भी अन्य मौसमी दिनों की अपेक्षा ज्यादा बढ़ जाती हैं।  
    गर्मियों में सड़कों पर रगड़ रहे टायर की सेहत कई बार इस पर भी निर्भर करती है कि आप उन टायरों में कौन सी हवा भरवा रहे हैं। कहा जाता है कि मोटरसायकिल या कार के टायर में नाइट्रोजन गैस भरवाने से से कई फायदे होते हैं तो चलिए इसे आज हम जानते है कि गाड़ियों के टायरों में नाइट्रोजन गैस भरवाने से क्या होता हैं?
   आपके लिए शायद यह बात नई हो कि आपके बाइक और कार के टायर में नॉर्मल हवा के अलावा नाइट्रोजन गैस भी भरी जा सकती है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सामान्य तौर पर टायरों में जिस गैस का इस्तेमाल होता है, उसमें से 78 फीसदी तक टायरों में नाइट्रोजन गैस भरी होती है। 
नाइट्रोजन गैस को टायर में भरने से  क्या होगा?
  1. टायर में नाइट्रोजन गैस भरने पर इसकी मात्रा 93-95 फीसदी तक हो जाती है। 
  2. इससे नमी दूर रहती है, क्योंकि नाइट्रोजन ऑक्सीजन से हल्का होता है। 
  3. यह तेज स्पीड पर भी प्रेशर कम बनाता है। 
  4. नाइट्रोजन गैस के इस्तेमाल से टायर की उम्र बढ़ जाती है। 
  5. टायर के पुराने होने के बाद भी गाड़ी की माइलेज भी अच्छी रहती है। 
नॉर्मल हवा के साथ क्या हैं दिक्कतें
  1. नॉर्मल हवा की तुलना में नाइट्रोजन लंबे समय तक टिकती है। 
  2. इससे बार-बार टायर में हवा भराने की टेंशन नहीं रहती है। 
  3. फॉर्मूला वन रेस में चलने वाली हर गाड़ी के टायरों में नाइट्रोजन गैस का ही इस्तेमाल किया जाता है।
  4. नॉर्मल हवा के साथ ह्यूमिडिटी जैसी समस्या रहती है। 
  5. इससे गाड़ियों के टायर्स को नुकसान होने की आशंका अधिक रहती है। 
  6. टायरों के प्रेशर पर भी असर पड़ता है। 
  7. इसका असर टायर में लगी रिम या एलॉय व्हील पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। 
नाइट्रोजन गैस का इस्तेमाल
    अगर टायरों में नाइट्रोजन गैस का इस्तेमाल होता है तो इसमें मौजूद ऑक्सीजन उसमें डाइल्यूट हो जाती है। साथ ही यह ऑक्सीजन में मौजूद पानी की मात्रा को भी खत्म कर देती है। इसका फायदा यह भी होता है की टायर के रिम को नुकसान नहीं पहुंचता और नमी दूर हो जाती। 

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