प्राईवेट स्कूल टीचर की पिटाई से दलित छात्र की मौत का मामला गरमाया, कांग्रेस विधायक ने दिया इस्तीफा
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प्राईवेट स्कूल टीचर की पिटाई से दलित छात्र की मौत का मामला गरमाया, कांग्रेस विधायक ने दिया इस्तीफा

जालौर जिले के सुराणा गांव में दलितों पर बढ़ते अत्याचार से आहत थे पानाचंद मेघवाल
विधायक मेघवाल ने अपने इस्तीफे में लिखा कि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, लेकिन आजादी के 75 साल बाद भी प्रदेश में दलित और वंचित वर्ग पर लगातार हो रहे अत्याचारों से मेरा मन आहत है।
Congress MLA Panachand Meghwal
  केकड़ी/जयपुर/ राजस्थान।। राजस्थान के जालौर जिले के सायला थाना क्षेत्र के सुराणा गांव के एक स्कूल टीचर की पिटाई से हुई दलित छात्र की मौत का मामला लगातार गरमाता जा रहा है। दलित छात्र की पिटाई के बाद मौत की घटना से राज्य की गहलोत सरकार घिर गई है। सरकार पर विपक्ष के बाद अब अपनों ने भी निशाने पर लेना शुरू कर दिया है। जालौर की घटना से आहत होकर बारां अटरू से कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। 
Congress MLA Panachand Meghwal
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में जाहिर की अपनी नाराजगी 
  मेघवाल ने सोमवार को अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजा है। मेघवाल ने मुख्यमंत्री गहलोत को लिखे पत्र में अपनी नाराजगी जाहिर की है। राजस्थान में दलितों पर अत्याचार कम होने के बजाय बढ़ रहे हैं। दलितों पर बढ़ते अत्याचार से आहत होकर कांग्रेस के विधायक पानाचंद मेघवाल ने अपने इस्तीफे में लिखा कि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, लेकिन आजादी के 75 साल बाद भी प्रदेश में दलित और वंचित वर्ग पर लगातार हो रहे अत्याचारों से मेरा मन आहत है। मेरा समाज आज जिस प्रकार यातानाएं झेल रहा है, उसका दर्द शब्दों में नही कहा जा सकता है।
Congress MLA Panachand Meghwal
  उन्होंने कहा कि दलित और वंचितों को कहीं मटकी से पानी पीने तो कहीं घोड़ी पर बैठने और मूंछ रखने के कारण यातनाएं देकर मौत के घाट उतारा जाता है। पुलिस अधिकांश मामलों को फाइलों में बंद कर देती है। मेघवाल ने कहा- पिछले कुछ सालों से दलितों पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने संविधान में दलितों और वंचितों के लिए जिस समानता के अधिकार का प्रावधान किया था, उसकी रक्षा करने वाला कोई नहीं है। दलितों पर अत्याचार के ज्यादातर मामलों में एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगा दी जाती है। कई बार ऐसे मामलों को मैंने विधानसभा में उठाया, उसके बावजूद पुलिस प्रशासन हरकत में नहीं आया। जब हम हमारे समाज के अधिकारों की रक्षा करने और उन्हें न्याय दिलवाने में नाकाम होने लगे तो हमें पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। मेरी अंतरआत्मा की आवाज पर विधायक पद से इस्तीफा देता हूं। विधायक पद से मेरा इस्तीफा स्वीकार करें ताकि मैं बिना पद के ही समाज के वंचित और शोषित वर्ग की सेवा कर सकूं।
BJP leader Satish Puniya
गहलोत सरकार दलितों पर अत्याचार रोकने में रही नाकाम 
  वहीं राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि दलितों पर अत्याचार इस हद तक बढ़ गए कि अब कांग्रेस के विधायक भी इससे आहत हैं। गहलोत सरकार दलितों पर अत्याचार रोकने में नाकाम साबित हो रही है। गहलोत गृह विभाग का जिम्मा सही तरह से नहीं संभाल पा रहे हैं। दो दिन पहले प्रदेश के जालौर जिले में शिक्षक की पिटाई के बाद नौ साल के दलित बच्चे की हुई मौत के मुद्दे पर गहलोत सरकार विपक्ष के निशाने पर है। बसपा प्रमुख मायावती ने अशोक गहलोत सरकार को बर्खास्त कर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में आए दिन ऐसी जातिवादी दर्दनाक घटनाएं होती रहती है। इससे स्पस्ष्ट है कि कांग्रेस सरकार दलितों, आदिवासियों व उपेक्षितों की जान व सम्मान की सुरक्षा कमने में नाकाम साबित हो रही है। 
एससी आयोग जांच के लिए भेजेगा टीम 
  आजाद समता पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मृतक बच्चे के स्वजनों को आर्थिक सहायता देखकर उनके मुंह पर ताला लगाना चाहती है। इस बीच, राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग (एससी आयोग) ने बच्चे की मौत के मामले में प्रसंज्ञान लेते हुए मंगलवार को एक टीम भेजने का निर्णय लिया है। आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला ने कहा, इससे घृणित कुछ नहीं हो सकता। उन्होंने प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है। पिछले तीन साल में दलित अत्याचार के बढ़ते मामलों ने कांग्रेस और प्रदेश सरकार की भी चिंता बढ़ाई है। चिंता यह है कि प्रदेश की 34 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।
SC Commission
  वहीं प्रदेश में करीब साढ़े 18 प्रतिशत आबादी दलितों की है। करीब 15 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने से गुर्जर समाज पहले से ही कांग्रेस से नाराज है। भरतपुर में एक संत के आत्मदाह और मौत, कांवड यात्रा एवं अन्य धार्मिक आयोजनों में लाऊडस्पीकर बजाने पर रोक से लोगों में नाराजगी हैं। अब दलितों पर बढ़ते अपराधों से वोट बैंक में सेंध की चिंता कांग्रेस को सताने लगी है। 
पायलट के लिए गहलोत को घेरने का यह मौका है बेहतर 
  बताते चले की पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट मंगलवार को मृतक बच्चे के स्वजनों से मिलने जालौर जिले के गांव सुराणा जाएंगे। उनके साथ विधायक वेदप्रकाश सोलंकी सहित अन्य दलित नेता भी रहेंगे। सीएम नहीं बनाए जाने से नाराज चल रहे पायलट के लिए गहलोत को घेरने का यह बेहतर मौका मिला है।
Sachin Pilot on Ashok Gehlot
  सोलंकी ने सोमवार को कहा कि मृतक बच्चे के स्वजनों को 50 लाख की नकद सहायता दी जानी चाहिए। वहीं सीएम अशोक गहलोत ने बताया कि बच्चे की पिटाई करने वाले शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया है। सरकार ने बच्चे के स्वजनों को मुआवजा दिया है। लेकिन मेरा मानना है कि वो (विपक्ष) राजनीति करेंगे, क्योंकि महंगाई और बेरोजगारी विस्फोटक स्थिति में है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश एवं अन्य राज्यों के मुकाबले कानून व्यवस्था की बेहतर स्थिति राजस्थान में है।
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