आपस में भिड़ी IAS और IPS महिला अधिकारी, प्राइवेट तस्वीरे कर दी शेयर

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  कर्नाटक में दो टॉप ब्यूरोक्रेट की आपसी लड़ाई अब खुलकर सामने आ गई है। रविवार को आईपीएस अधिकारी डी रूपा मौदगिल ने आईएएस अधिकारी रोहिणी सिंधुरी की कुछ निजी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर दी हैं।दावा किया गया है कि उन्होंने तीन पुरुष आईएएस अधिकारियों को ये तस्वीरें भेजीं थीं। वही रूपा ने शनिवार को सिंधुरी पर 19 आरोप लगाए थे। इसमें करप्शन के मामले भी थे। IAS सिंधुरी ने जवाब देते हुए कहा है कि वो (IPS) जानबूझकर उन्हें बदनाम करने की साजिश रच रही है।
  जानकारी अनुसार आईपीएस ऑफिसर डी रूपा मौदगिल और आईएएस ऑफिसर रोहिणी सिंधुरी ने एक दूसरे के खिलाफ भ्रष्टाचार और आईएएस अधिकारियों को निजी तस्वीरें भेजने के आरोप लगाए हैं। सिंधुरी ने कहा कि रूपा उनके खिलाफ झूठा और बदनाम करने वाला अभियान चला रही थीं और यही उनकी कार्यप्रणाली है। सिंधुरी ने कहा, ‘मैं भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत उनके खिलाफ केस दर्ज कराऊंगी। उन्होंने मुझे बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया से तस्वीरें और (मेरे) व्हाट्सएप स्टेटस के स्क्रीनशॉट इकट्ठा किए।
अधिकारियों के नामों का करें खुलासा 
  IAS अधिकारी ने कहा कि उन्होंने (IPS D Roopa) आरोप लगाया है कि मैंने कुछ अधिकारियों को ये तस्वीरें भेजीं। अब मैं उनसे निवेदन करती हूं कि कृपया वो उन अधिकारियों के नामों का खुलासा करें जिनको मैंने ये तस्वीरें भेजी हों। इस मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर कर्नाटक सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि ये व्यक्तिगत मामला लगता है।
ऑल इंडिया सर्विस कंडक्ट रूल्स के मुताबिक है अपराध
  रविवार को IPS रूपा ने अपने फेसबुक पेज पर IAS सिंधुरी की सात तस्वीरें शेयर करते हुए आरोप लगाया कि सिंधुरी ने कथित तौर पर 2021 और 2022 में आईएएस अधिकारियों के साथ मेरी इन तस्वीरों को साझा किया। एक, दो नहीं बल्कि तीन पुरुष आईएएस अधिकारियों के साथ? एक दिन पहले उन्होंने कहा था, ‘ऑल इंडिया सर्विस कंडक्ट रूल्स के मुताबिक ऐसी तस्वीरें शेयर करना और इस तरह की बातचीत करना अपराध है।’
जांच की मांग
  रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए IPS रूपा ने अधिकारियों से निवेदन किया कि वो सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच करें। रूपा द्वारा उठाए गए मुद्दों में सिंधुरी के खिलाफ मैसूरु डीसी आवास भवन, जिले में उनके कार्यकाल के दौरान एक स्विमिंग पूल के निर्माण पर विभागीय जांच शुरू करने में देरी थी। उन्होंने कहा कि IAS अधिकारी डॉ रविशंकर को उनके खिलाफ प्रारंभिक जांच में मानदंडों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया था, लेकिन अभी तक कोई विभागीय जांच नहीं हुई और न ही आगे कोई कार्रवाई की गई।

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