बीटीपी से शुरू हुई कहानी आप से होते हुए, अब मामा बालेश्वर दयाल की पुण्यतिथि पर करेगी संघर्ष की शुरुआत
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बीटीपी से शुरू हुई कहानी आप से होते हुए, अब मामा बालेश्वर दयाल की पुण्यतिथि पर करेगी संघर्ष की शुरुआत

  बांसवाड़ा/राजस्थान।। जिले से एकमात्र आम आदमी पार्टी के नेता विजय भाई मईडा जो हाल ही में विधासभा चुनाव में आप पार्टी से कुशलगढ़ सीट से चुनाव लड़ राजनैतिक सुर्ख़ियों में आए है, बताते चले कि मईड़ा पहले बीटीपी के राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य थे किन्तु वहा विधानसभा चुनावो में सीट को लेकर मतभेदों के चलते उन्होंने आप का दामन थाम लिया था। मईड़ा ने बताया कि मामा बालेश्वर दयाल की पुण्यतिथि पर दिनांक 26 दिसम्बर 2023 को भील आश्रम, बामनिया जिला झाबुआ, मध्यप्रदेश में मामाजी की समाधि स्थल पर राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र एवं गुजरात से हजारों की संख्या में मामा के भक्त एवं अनुयायी पहुंचेंगे तथा 25 दिसंबर की रात्रि को मामाजी के भक्तों की पैदल यात्राएं भी मौके पर पहुंचेगी एवं रातभर भजन कीर्तन व मामाजी की जीवनी, उनके विचारों, सिद्धान्तों ओर संघर्ष पर चर्चा की जाएगी।  
   मईड़ा ने बताया कि मामाजी की लड़ाई जल, जंगल, जमीन तथा आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों को लागू करवाने एवं दलित, शोषित, पीड़ित एवं पिछड़े तबके के लोगों के साथ हो रहे अन्याय, अत्याचार, शोषण के खिलाफ आवाज उठाना ओर न्याय दिलाना उनका मुख्य ध्येय रहा। उनका मुख्य उद्देश्य पांचवी छठवीं अनुसूची, पेसा एक्ट ओर भील राज की स्थापना करना ओर आदिवासी समाज को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का था। लेकिन आदिवासी क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस ने आजादी के 75 वर्ष होने तक उनके संवैधानिक अधिकारों को लागू नहीं किया तथा केन्द्र व राज्यों की सरकारों के द्वारा विकास की योजनाएं बना कर उनकी पुश्तैनी भूमि से बैदखल कर देश में लाखों आदिवासियों को विस्थापित किया गया। साथ ही सरकारों द्वारा समान नागरिक संहिता कानून लाना, आदिवासियों को डीलिस्टिंग के माध्यम से संख्यात्मक दृष्टि से कम करना, वन अधिकार कानून में संशोधन करना कई महत्वपूर्ण कानूनों में बदलाव करके आदिवासियों के मुल अधिकारों ओर उनकी संस्कृति को समाप्त करने का कार्य किया जा रहा है।

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